कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा में एक हृदयस्पर्शी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए जवानों को नम आँखों से याद किया गया। सर्व ब्राह्मण समाज, परशुराम सेना, और छत्तीसगढ़ द्विज परिवार बालको के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस सभा में शहर के सैकड़ों लोग शामिल हुए। घंटाघर के पास पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन और दो मिनट के मौन के साथ शहीदों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई।
शहीदों की शहादत को सलाम
पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में कई जवान शहीद हो गए। कोरबा की इस श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित हर व्यक्ति की आँखें उस बलिदान को याद कर नम थीं। दीपों की रोशनी और मौन की गहराई ने शहीदों के प्रति सम्मान और उनके परिवारों के प्रति संवेदना को व्यक्त किया।
सामाजिक एकता का प्रतीक बना आयोजन
इस सभा में सर्व ब्राह्मण समाज, मारवाड़ी ब्राह्मण समाज, और छत्तीसगढ़ द्विज परिवार बालको के पदाधिकारी और सदस्य बड़ी संख्या में शामिल हुए। रामकिशोर शर्मा, राजीव शर्मा, वैभव शर्मा, मनीष मिश्रा, अविनाश जोशी, विजय दुबे, रविंद्र दुबे, अजय पांडेय, प्रभात शर्मा, राजेश दुबे जैसे प्रमुख लोग उपस्थित थे। सर्व ब्राह्मण समाज के पूर्व अध्यक्ष अरुण शर्मा, अध्यक्ष हेमंत शर्मा, सचिव संजय तिवारी, पवन शर्मा, और हेमंत गौतम ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

सभा में उपस्थित लोगों ने एक स्वर में शहीदों की वीरता को सलाम किया और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश दिया। यह आयोजन न केवल शहीदों के प्रति सम्मान का प्रतीक बना, बल्कि सामाजिक एकता और देशभक्ति की भावना को भी मजबूत करने वाला साबित हुआ।
शहीदों के बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे
सर्व ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष हेमंत शर्मा ने कहा, “हमारे वीर जवानों ने देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। उनकी शहादत हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी। हम उनके परिवारों के साथ हैं और उनकी कुर्बानी को कभी नहीं भूलेंगे।” सभा में मौजूद अन्य वक्ताओं ने भी आतंकवाद की कड़ी निंदा की और सरकार से शहीदों के परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने की मांग की।
मानवीय संवेदना और देशभक्ति का संगम
यह सभा केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं थी, बल्कि एक ऐसी जगह थी जहाँ लोग अपने दिल की गहराइयों से शहीदों को याद कर रहे थे। छोटे-छोटे दीपकों की रोशनी और मौन की खामोशी ने वहाँ मौजूद हर व्यक्ति के मन में देशभक्ति और मानवीय संवेदना का भाव जगा दिया, हर कोई इस भावनात्मक पल का हिस्सा बना।
आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का आह्वान
पहलगाम की इस दुखद घटना ने एक बार फिर देश को आतंकवाद के खतरे की याद दिलाई है। कोरबा की इस सभा में उपस्थित लोगों ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का संकल्प लिया। उन्होंने सरकार और सुरक्षा बलों के प्रति पूर्ण समर्थन व्यक्त किया और समाज से अपील की कि वे शांति और एकता के साथ इस चुनौती का सामना करें।
शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना
सभा में शहीदों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की गई। उपस्थित लोगों ने माना कि शहीदों का बलिदान देश के लिए एक मिसाल है, और उनके परिवारों का दर्द हर देशवासी का दर्द है। समाज के विभिन्न वर्गों ने शहीदों के परिवारों को हर संभव सहायता देने का वादा किया।
कोरबा ने दिखाई सामाजिक जिम्मेदारी
कोरबा के इस आयोजन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यह शहर न केवल औद्योगिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय मुद्दों पर भी अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाता है। शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित हुए लोग न केवल अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे थे, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को देशभक्ति और बलिदान की भावना से प्रेरित भी कर रहे थे।
पहलगाम के शहीदों को कोरबा में दी गई यह श्रद्धांजलि न केवल एक भावनात्मक क्षण था, बल्कि देश के लिए एकता और साहस का प्रतीक भी बना। शहीदों की याद में जलाए गए दीप और रखा गया मौन हमें याद दिलाता है कि हमारे वीर जवान हमारी आजादी और सुरक्षा की ढाल हैं। कोरबा ने अपने इस आयोजन के माध्यम से पूरे देश को एकजुटता और संवेदना का संदेश दिया है।
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