कांग्रेस की प्रेस वार्ता
कोरबा। इलेक्ट्रोरल बांड घोटाला और भूपेश बघेल पर इओडब्ल्यू की एफआईआर पर कांग्रेस की पत्रकारवार्ता प्रेस क्लब तिलक भवन,कोरबा में ली गई। जिला कांग्रेस कमेटी कोरबा ग्रामीण के जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल ने कहा कि चुनावी चंदा घोटाला के लिए भाजपा की मान्यता रद्द किया जाय।
O इलेक्ट्रोरल बांड भाजपा के भ्रष्टाचार का नमूना है।
O मोदी सरकार ने कंपनियों पर ईडी, सीबीआई से छापा मरवाकर भाजपा के लिए चंदा वसूला गया।
इलेक्टोरल बांड से संबंधित जो जानकारी सामने आई है उससे साफ हो गया इलेक्टोरल बांड मोदी सरकार द्वारा भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए लाया गया था। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा चुनावी चंदा घोटाला
है।
मोदी सरकार ने व्यवसायिक संस्थानों को केन्द्रीय एजेंसियों के माध्यम से डरा कर छापे मारवा कर गलत कार्यवाही करवा कर इलेक्टोरल बांड के माध्यम से वसूली करवाया।
इलेक्टोरल बांड के माध्यम से मोदी सरकार ने घूस भी वसूला। जिन कंपनियों ने भाजपा को चुनावी चंदा दिया उनको हजारों करोड़ रूपये के ठेके दिए गए।
जिन कंपनियों ने भाजपा को चंदा दिया उनके खिलाफ मनीलांड्रिंग की कार्यवाही मोदी सरकार ने रुकवा दिया।
इलेक्टोरल बांड से जुड़ी जानकारी सामने आने के बाद यह साफ हो गया की भाजपा ने अपने आर्थिक लाभ के लिए सारा षड्यंत्र किया। इसीलिए स्टेट बैंक इसको छुपाना चाह फिर थी जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार 1,300 से अधिक कंपनियों और व्यक्तियों ने इलेक्टोरल बांड के रूप में दान दिया है।
2019 के बाद से भाजपा को 6,000 करोड़ से अधिक का दान मिला है।
ऐसी कई कंपनियों के मामले हैं जिन्होंने इलेक्टोरल बांड दान किया है और इसके तुरंत बाद कंपनियों ने मोदी सरकार से भारी लाभ प्राप्त किया है।
मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रा ने 800 करोड़ रुपए से अधिक इलेक्टोरल बॉन्ड में दिए हैं। अप्रैल 2023 में, उन्होंने 140 करोड़ डोनेट किया और ठीक एक महीने 6 बाद, उन्हें 14,400 करोड़ रुपए की ठाणे-बोरीवली ट्विन टनल प्रोजेक्ट मिल गया।
जिंदल स्टील एंड पावर ने 7 अक्टूबर 2022 को इलेक्टोरल बॉन्ड में 25 करोड़ रुपए दिए और सिर्फ 3 दिन बाद वह 10 अक्टूबर 2022 को गारे पाल्मा 4/6 कोयला खदान हासिल करने में कामयाब हो गया।
भाजपा ने इलेक्टोरल बांड के माध्यम से हफ्ता वसूली किया। ईडी /सीबीआई / आईटी के माध्यम से किसी कंपनी पर छापा मारो और फिर कंपनी की सुरक्षा के लिए हफ़्ता (दान) वसूला।
शीर्ष 30 चंदा दाताओं में से कम से कम 14 पर छापे मारे गए हैं। इस साल की शुरुआत में एक जांच में पाया गया कि ईडी / सीबीआई / आईटी छापे के बाद, कंपनियों को चुनावी ट्रस्टों के माध्यम से भाजपा को दान देने के लिए मजबूर किया गया था।
हेटेरो फार्मा और यशोदा अस्पताल जैसी कई कंपनियों ने इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से चंदा दिया
है।
इनकम टैक्स विभाग ने दिसंबर 2023 में शिरडी साई इलेक्ट्रिकल्स पर छापा मारा और जनवरी 2024 में उन्होंने इलेक्टोरल बांड के माध्यम से 40 करोड रुपए का दान दिया।
फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स ने 1200 करोड़ रुपए से अधिक का दान दिया है जो इसे अब तक के आंकड़ों में सबसे बड़ा दान देने वाला बनाता है।
आप क्रोनोलॉजी समझिए, 02 अप्रैल 2022 ईडी ने फ्यूचर पर छापा मारा, और 5 दिन बाद (7 अप्रैल) को उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड में 100 करोड़ रुपए का दान दिया। अक्टूबर 2023 रू आईटी विभाग ने फ्यूचर पर छापा मारा, और उसी महीने उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड में 65 करोड़ रुपए का दान दिया।
इलेक्टोरल बांड के माध्यम से मोदी सरकार ने रिश्वत लेने का नया तरीका खोजा। आंकड़ों से एक पैटर्न उभरता है, जिसमें केंद्र सरकार से कुछ मदद मिलने के तुरंत बाद कंपनियों ने चुनावी बांड के माध्यम से एहसान चुकाया है।
वेदांता को 03 मार्च 2021 को राधिकापुर पश्चिम प्राइवेट कोयला खदान मिला, और फिर अप्रैल 2021 में उन्होंने चुनावी बांड में 25 करोड़ रुपए का दान दिया।
मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रा को अगस्त 2020 में 4,500 करोड़ का जोजिला सुरंग प्रोजेक्ट मिला, फिर अक्टूबर 2020 में उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड बांड में 20 करोड़ रुपए का दान दिया।
मेघा को दिसंबर 2022 में बीकेसी बुलेट ट्रेन स्टेशन का कॉन्ट्रैक्ट मिला, और उन्होंने उसी महीने 56 करोड़ रुपए का दान दिया।
इलेक्ट्रोरल बांड घोटाला भाजपा कि बदनियति भ्रस्टाचार का सबसे बड़ा सबूत है भाजपा ने ईडी आईटी सीबीआई को अपना चंदावसूली एजेंट बना दिया था ।
> कांग्रेस पार्टी राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग से मांग करती है कि इस कदाचरण के लिए भाजपा कि मान्यता समाप्त कर उसके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया जाय।
भूपेश बघेल की छवि खराब कर रहे ईडी और भाजपा
सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल व श्रीमती सपना चौहान ने कहा कि ईडी और भाजपा ने मिलकर भूपेश बघेल की छवि खराब करने षड्यंत्र किया, भाजपा ईडी, महादेव ऐप के कर्ताधर्ताओं के बीच क्या संबंध है ?
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ ईडी के पत्र के आधार पर ईओडब्लू के द्वारा लिखी गई एफआईआर पर कांग्रेस ने सवाल खड़ा किया है। ईडी की जांच और ईओडब्लू के एफआईआर में राजनैतिक षडयंत्र साफ दिख रहा है।
लोकसभा चुनाव के पहले ही यह एफआईआर क्यों दर्ज की गई ? ईडी की सारी कार्यवाहियों की टाइमिंग भाजपा के राजनैतिक लाभ पहुंचाने वाली ही क्यों होती है?
ईओडब्लू बताये?
1. केन्द्र सरकार महादेव ऐप पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगा रही?
2. पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ दर्ज किये गये एफआईआर का आधार क्या है ?
3. जिस असीम दास से ईडी ने रुपये बरामद किया था उसके पास रुपये कहां से आया? ईडी ने उसकी जांच क्यों नहीं किया।
4. असीम दास की फोटो भाजपा नेताओं के साथ आई है तो ईडी ईओडब्लू ने उन दोनो का नाम एफआईआर में क्यों दर्ज नहीं किया।
5. शुभम सोनी की विडियो बाईट भाजपा ने जारी किया था। शुभम सोनी के भाजपा से क्या संबंध है। ईडी ने इसकी जांच क्यों नहीं किया?
6. सौरभ चद्रं कर, रवि उप्पल के फोटो भाजपा नेताओं के साथ भी सार्वजनिक है उन दोनो में पूछताछ क्यों नहीं की गई?
7. शुभम सोनी, सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल को ईडी गिरफ्तार कर के दुबई से वापस क्यों नहीं ला रही है?
8. ईडी ने ईओडब्लू को इस मामले जो पत्र लिखा था उसमें कुछ आईपीएस एवं अन्य अधिकारियों के भी नाम है ईओडब्लू ने उन अधिकारियो के नाम एफआईआर में क्यों छोड़ा?
9. असीम दास की गिरफ्तारी के समय जिस इनोवा गाड़ी से रूपये जप्त हुये थे उसके मालिक भाजपा विधायक अमर अग्रवाल के भाई के है। उनसे ईडी ने कब पूछताछ किया है?
10. शुभम सोनी के जब दुबई में काउंसलर के समक्ष बयान देने गया था तब उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?
असीम दास के तथा कथित बयान के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री पर मुकदमा दर्ज किया गया उसबयानका असीम दास ने अदालत में खंडन भी किया तथा कहा कि वह बयान ईडी के दबाव में दिया था। उसके बाद भी भूपेश बघेल पर मुकदमा दर्ज किया गया। उसी असीम दास के साथ संबंधों के आधारपर भाजपानेताओं से पूछताछ भी नहीं किया गया यह ईडी के षड्यंत्रों को बताने के लिये पर्याप्त हैं।
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