शनिवार, नवम्बर 23, 2024
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11 अगस्त को भूविस्थापित किसान एकजुटता दिवस का होगा आयोजन: संदेश जत्था के माध्यम से अन्य संगठनों को करेंगे आव्हान

कोरबा (पब्लिक फोरम)। आगामी 11 अगस्त को भूविस्थापितों की जायज मांगों को लेकर संघर्ष करते हुए दो शहीदों की याद में पूरे प्रदेश मे शहीदी दिवस मनाया जाएगा। उक्त आशय की जानकारी ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपूरन कुलदीप ने एक प्रेस बयान जारी कर दी है।
उन्होंने ने कहा कि 11अगस्त 1997 को कोरबा के नाराइबोध में जबरिया जमीन अधिग्रहण का शांतिपूर्ण विरोध के दौरान पुलिस की गोलीबारी से गोपाल -फिरतु दास की मौत हो गयी थी और इस दिन को भूविस्थापित किसान एकजुटता दिवस को प्रति वर्ष मनाया जा रहा है। इस वर्ष इस दिन को प्रदेश भर के भूअर्जन एवं विस्थापन से प्रभावित लोगों तथा इस मुद्दे पर अलग अलग स्थानो पर लड़ रहे संगठनों समूहों के बीच समन्वय स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। और प्रदेश के अनेक स्थानों पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन ज्ञापन सौपे जाने का आह्वान किया गया है।

उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में विकास के नाम पर किसानो की जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है लेकिन प्रभावित किसान उचित मुआवजा,पुनर्वास से वंचित है।शासन प्रशासन सिर्फ भूमि अधिग्रहण तक ही सक्रिय है।भूमि अधिग्रहण के बाद पुनर्वास व अन्य मिलने वाली सुविधाओं को दिलाने में पूरी तरह से निष्क्रिय है।जिसके कारण कोरबा जिला सहित प्रदेश के अनेकों जगह पर भू अर्जन से प्रभावित किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहे है।

श्री कुलदीप ने कहा कि ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण संगठन प्रदेश के उन सभी सभी संगठनों से संपर्क कायम करेगी जो पुनर्वास, उचित मुआवजा हासिल करने के लिए अपनी लड़ाई लड़ रहे है।आज जिला में कोयला खादान के विस्तार,रेल कारीडोर,सड़क,उद्योगीकरण के विस्तार के कारण किसानों का जमीन अधिग्रहण किया गया है।प्रदेश में भी एस ई सी एल के विस्तार से अनेको ग्रामीण प्रभावित है। उन सभी लोगो के साथ संपर्क कर 11 अगस्त को पूरे प्रदेशभर में भू विस्थापित शहीदी दिवस मनाया जायेगा।
भू विस्थापित नेता ने स्पष्ट किया कि उनका संगठन उन लोगो या संगठनों के साथ ही संपर्क कायम करेगी जो विकास विरोधी नही है।हम विकास के साथ प्रभावित किसानों के विनाश के विरोधी है।हम भू अर्जन के विरोधी नही है लेकिन भू अर्जन से प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा, पुनर्वास, रोजगार मिले हम उसके लिए संघर्ष कर रहे है।
उन्होंने कहा कि उनके संगठन के द्वारा तीन दिनी शहीदी संदेश जत्था निकली जायेगी जो प्रदेश के तमाम प्रभावित किसानों से संपर्क कायम कर 11 अगस्त को शहीदी दिवस मानने का आह्वान करेगी।

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