बालकोनगर (पब्लिक फोरम)। पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति के प्रति जागरूकता की भावना को बच्चों के मन में बीजारोपित करने के उद्देश्य से बालको रेंज वन विभाग ने शासकीय प्राथमिक शाला केसालपुर के विद्यार्थियों के लिए एक विशेष “बायोडायवर्सिटी पार्क एवं जंगल भ्रमण कार्यक्रम” आयोजित किया। इस कार्यक्रम में बच्चों ने न केवल पेड़ों, पक्षियों और तितलियों को नज़दीक से देखा, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन में उनकी भूमिका को भी समझा।
पर्यावरण संरक्षण हर नागरिक का कर्तव्य – रेंजर जयंत सरकार
कार्यक्रम का संचालन बालको रेंज के रेंजर जयंत सरकार की देखरेख में हुआ। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा:-
“पर्यावरण का संरक्षण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। हमें पेड़ लगाना, वन्यजीवों की रक्षा करना और अपने आस-पास की स्वच्छता बनाए रखना चाहिए।”
उन्होंने बच्चों को “हरित प्रतिज्ञा” दिलाई – जिसमें सभी ने प्रकृति की रक्षा करने, वृक्ष लगाने और पर्यावरण की स्वच्छता बनाए रखने का संकल्प लिया।

तितलियों और कीट-पतंगों की भूमिका पर बच्चों ने सीखी नई बातें
डिप्टी रेंजर कांति कंवर, बीट अधिकारी चेतन ध्रुव, ज्योतिष राठिया, भास्कर, किरण टिग्गा और हर्षवती लेहरे ने छात्रों को बताया कि कीट-पतंगे और तितलियाँ पर्यावरण के संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे पौधों के परागण में मदद करते हैं और जैव विविधता की श्रृंखला को बनाए रखते हैं।
बच्चों ने बायोडायवर्सिटी पार्क में घूमते हुए विभिन्न प्रकार के पौधों, पक्षियों और तितलियों का अवलोकन किया। कई विद्यार्थियों ने पहली बार जंगल की वास्तविक सुंदरता और प्रकृति की विविधता को इतने निकट से देखा और महसूस किया।

शैक्षणिक भ्रमण से बढ़ी बच्चों में प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका गीता यादव ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम विद्यार्थियों में पर्यावरणीय चेतना और जिम्मेदारी की भावना विकसित करते हैं।
“बच्चे जब स्वयं प्रकृति के बीच जाते हैं, तो वे किताबों से परे जाकर पर्यावरण का असली महत्व समझते हैं,” उन्होंने कहा।
उन्होंने वन विभाग का आभार व्यक्त किया कि उसने शिक्षा के इस मानवीय पक्ष को समझते हुए बच्चों को प्रकृति से जोड़ने की पहल की।
पर्यावरण की शपथ के साथ हुआ कार्यक्रम का समापन
कार्यक्रम का समापन विद्यार्थियों द्वारा पर्यावरण की सुरक्षा की सामूहिक शपथ के साथ हुआ। बच्चे उत्साहित और प्रेरित दिखे, कई ने कहा कि वे अपने घर और गाँव में पेड़ लगाएंगे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे।
बालको रेंज वन विभाग की यह पहल केवल एक शैक्षणिक भ्रमण नहीं थी, बल्कि प्रकृति और मानव के बीच टूटते संबंध को जोड़ने का प्रयास भी थी। आज जब पर्यावरणीय संकट गहराता जा रहा है, ऐसे प्रयास समाज को दिशा देते हैं और आने वाली पीढ़ियों में संवेदनशीलता का बीज बोते हैं।
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