back to top
होमआसपास-प्रदेश40 साल बाद मिले बालमित्र: बालकोनगर में यादों का कारवां, पुरानी दोस्ती...

40 साल बाद मिले बालमित्र: बालकोनगर में यादों का कारवां, पुरानी दोस्ती हुई ताज़ा

कोरबा/बालकोनगर (पब्लिक फोरम)। समय की परतों को चीरकर, बचपन की दोस्ती को नए सिरे से जीने का एक अद्भुत अवसर हाल ही में कोरबा के बालकोनगर में मिला। 14 और 15 जून 2025 को साईं मंगलम भवन में आयोजित ‘मित्र मिलन समारोह’ ने 70 से 90 के दशक के उन युवाओं को एक मंच पर ला दिया, जो आज देश के विभिन्न हिस्सों में रहते हुए अपने-अपने क्षेत्रों में योगदान दे रहे हैं – कोई इंजीनियर है तो कोई डॉक्टर, कोई उद्योगपति है तो कोई वकील। लेकिन इस दो दिवसीय आयोजन में वे सभी सिर्फ ‘बालमित्र’ थे।

यह समारोह उन दोस्तों के लिए था जो बचपन में एक साथ पढ़े-लिखे और खेले थे और लगभग 40 वर्षों के बाद एक-दूसरे से मिल रहे थे। आज भले ही उनकी उम्र 55 वर्ष से अधिक हो चुकी है, लेकिन इस मिलन समारोह में सभी दोस्तों ने बीते हुए दिनों की अपनी कहानियाँ सुनाईं और अपने बचपन को फिर से जिया। आँखों में चमक और चेहरों पर मुस्कान लिए, हर दोस्त ने पुरानी यादों को ताज़ा किया, मानो कल की ही बात हो।

देश के कोने-कोने से जुटे पुराने साथी
इस विशेष अवसर के लिए, मित्र महाराष्ट्र, दिल्ली, मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, नागपुर, इंदौर, कोलकाता और छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से बालकोनगर पहुंचे थे। यह न केवल उनकी दोस्ती की गहराई को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि बचपन के रिश्ते कितने अनमोल होते हैं, जो दूरियों और समय की कसौटी पर भी खरे उतरते हैं।

सतरेंगा की खूबसूरत वादियों में पुरानी यादें और नए पल
समारोह के पहले दिन बालको साईं मंगलम में पुरानी यादें ताज़ा की गईं, जबकि दूसरे दिन, यानी 15 जून 2025 रविवार को, सभी मित्र कोरबा के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सतरेंगा पहुंचे। सतरेंगा की हसीन वादियों में उन्होंने बोटिंग और विभिन्न खेलों का आनंद लिया, जिससे यह मिलन और भी यादगार बन गया। प्रकृति की गोद में, बचपन के साथी एक बार फिर बेफिक्र होकर हँसे और खेले, जैसे उन्होंने कभी सालों का फासला तय ही न किया हो।

शाम को, एक नई ऊर्जा और फिर से मिलने की उम्मीद के साथ, सभी दोस्त अपने-अपने निवास स्थान/शहरों के लिए रवाना हो गए। यह ‘मित्र मिलन समारोह’ सिर्फ एक आयोजन नहीं था, बल्कि यह बचपन की दोस्ती का एक जीवंत प्रमाण था, जिसने यह दिखाया कि समय भले ही बीत जाए, लेकिन सच्चे रिश्ते कभी नहीं मरते। यह एक ऐसा अनुभव था जिसने सभी के दिलों को छुआ और उन्हें एक बार फिर अपने बचपन के स्वर्णिम दिनों में ले गया।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments