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मंगलवार, जून 17, 2025
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अशोक नगर में जन संस्कृति मंच की पहली इकाई गठित: हरगोविंद पुरी बने अध्यक्ष, जसपाल बांगा सचिव

अशोक नगर (पब्लिक फोरम)। मध्यप्रदेश के सांस्कृतिक नगरी अशोक नगर में रविवार को जन संस्कृति मंच (जसम) की पहली इकाई का गठन किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रख्यात कवि हरगोविंद पुरी को सर्वसम्मति से इकाई का अध्यक्ष चुना गया, जबकि रंगकर्मी जसपाल बांगा को सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई। उपाध्यक्ष पद पर हरिओम श्रीवास्तव, सह-सचिव के रूप में दुर्गेश भार्गव और कोषाध्यक्ष के लिए देवेश जौनवार की नियुक्ति हुई।

कार्यकारिणी में देश के नामचीन कवि भानु प्रकाश रघुवंशी, महेश कुशवाहा, श्याम सुंदर मुदगल और रईस खान को शामिल किया गया। पत्रकार राजेंद्र रजक को मीडिया प्रभारी बनाया गया। बैठक की अध्यक्षता संगीतकार श्याम सुंदर मुदगल ने की, जबकि संचालन जसपाल बांगा ने किया।

बैठक का शुभारंभ बृजमोहन के प्रसिद्ध गीत “लड़ते हुए सिपाही का गीत बनो रे…” के गायन के साथ हुआ। हरगोविंद पुरी ने जसम के संविधान का वाचन किया। सदस्यों ने इस बात पर गहन चर्चा की कि वे जसम से क्यों जुड़ रहे हैं। सभी ने एक स्वर में कहा कि वर्तमान “अंधेरे समय” में फासीवादी ताकतों के खिलाफ सांस्कृतिक और वैचारिक संघर्ष के लिए जसम जैसे संगठन से जुड़ना जरूरी है।

सदस्यों ने विधिवत प्रपत्र भरकर सदस्यता ग्रहण की और आगामी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा पर विचार-विमर्श किया। इस दौरान कवि भानु प्रकाश रघुवंशी ने अपनी चुनिंदा कविताओं का पाठ कर उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

राष्ट्रीय नेतृत्व ने दी बधाई
जसम के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविभूषण ने अशोक नगर इकाई के गठन को एक सार्थक पहल बताया। उन्होंने हरगोविंद पुरी और अन्य पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह इकाई लोकतांत्रिक और प्रगतिशील मूल्यों की रक्षा के लिए सांस्कृतिक धरातल पर प्रभावी संघर्ष करेगी।

राष्ट्रीय महासचिव मनोज सिंह ने कहा, “आज जब देश कठिन दौर से गुजर रहा है, फासीवादी ताकतें बहुलवादी संस्कृति पर हमला कर रही हैं। ऐसे में लेखकों और कलाकारों का संगठित होना बेहद जरूरी है।” उन्होंने अशोक नगर इकाई को बधाई देते हुए सक्रियता और सृजनशीलता पर जोर दिया।

छत्तीसगढ़ से भी सराहना
जसम छत्तीसगढ़ के समन्वयक सियाराम शर्मा ने अशोक नगर इकाई से फासीवाद के खिलाफ सांस्कृतिक मोर्चे पर मजबूत आवाज बुलंद करने की उम्मीद जताई। वहीं, जसम रायपुर के संरक्षक राजकुमार सोनी ने कहा, “यह समय चुप रहने का नहीं है। लेखकों और संस्कृतिकर्मियों को आततायी शक्तियों के खिलाफ प्रतिवाद करना होगा।” उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के अन्य जिलों में भी जल्दी जसम की नई इकाइयां गठित की जाएंगी।

सांस्कृतिक आंदोलन को नई दिशा
अशोक नगर में जसम की इस नवगठित इकाई से न केवल स्थानीय स्तर पर सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह राष्ट्रीय स्तर पर प्रगतिशील और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए चल रहे आंदोलन को भी मजबूती देगी। यह इकाई कविता, संगीत, रंगमंच और साहित्य के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने का काम करेगी।
(लेखक: राजेंद्र रजक, मीडिया प्रभारी, जसम अशोक नगर)

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