कोरबा (पब्लिक फोरम)। जिले में नशामुक्ति अभियान को गति देते हुए गुरुवार, 8 मई को पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के नेतृत्व में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया। एनडीपीएस (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances) अधिनियम के तहत विभिन्न थानों से जब्त किए गए मादक पदार्थों को बाल्को पावर प्लांट की भट्टी में विधिवत नष्ट किया गया। यह कार्यवाही जिला स्तरीय औषधि निरीक्षण समिति की देखरेख में संपन्न हुई, जिसमें पुलिस, आबकारी, पर्यावरण और अन्य प्रशासनिक विभागों के अधिकारियों ने सक्रिय भूमिका निभाई।
अभियान की प्रमुख बिंदु:
1. संयुक्त टीम की तैनाती: नष्टीकरण प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए बहु-विभागीय टीम गठित की गई, जिसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीतिश ठाकुर, आबकारी अधिकारी आशा सिंह, पर्यावरण विशेषज्ञ प्रमेंद्र पांडेय और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे।
2. नष्ट किए गए पदार्थ: कुसमुंडा, दर्री, कोतवाली और बांकीमोंगरा सहित विभिन्न थानों से जब्त कुल 13.424 किलोग्राम गांजा, 1032 नशीले कैप्सूल और 692 टेबलेट को पर्यावरण-अनुकूल तकनीक से भट्टी में जलाया गया।
3. कानूनी प्रक्रिया: एनडीपीएस अधिनियम के प्रावधानों का कड़ाई से पालन करते हुए यह कार्यवाही की गई, ताकि जब्त सामग्री पुनः अवैध बाजार में न पहुंच सके।
प्रशासन का संदेश:
पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने इस अवसर पर कहा, “नशीले पदार्थों के खिलाफ हमारी कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी। यह अभियान केवल मादक पदार्थों के विनाश तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज को जागरूक करने की दिशा में एक सशक्त पहल है।” उन्होंने आम नागरिकों से भी सहयोग की अपील करते हुए कहा कि नशे के काले कारोबार को रोकने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं।
पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता:
मादक पदार्थों के नष्टीकरण के लिए बालको पावर प्लांट की भट्टी को इसलिए चुना गया, क्योंकि यहां उच्च तापमान पर जलाने से हानिकारक रसायनों का उत्सर्जन न्यूनतम होता है। पर्यावरण विभाग के अधिकारियों ने पूरी प्रक्रिया की निगरानी कर यह सुनिश्चित किया कि प्रदूषण नियंत्रण के मानकों का उल्लंघन न हो।
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