कोरबा (पब्लिक फोरम)। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) कोरबा ने यूनिसेफ और महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से “उमंग” पोषण देखभाल (Foster Care) योजना पर एक विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज के उन बच्चों को सुरक्षित और प्यार भरा परिवार देना है, जिन्हें किन्हीं कारणों से अपने जैविक परिवार का सहारा नहीं मिल पाता।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण
एडीआर भवन, जिला न्यायालय परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में राज्य फोस्टर केयर अधिकारी और बिलासपुर संभाग के कार्यक्रम अधिकारी ने विस्तार से जानकारी दी। साथ ही, जिला न्यायालय के अधिकारियों, कानूनी सलाहकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया।
‘उमंग’ योजना क्या है?
यह योजना उन बच्चों के लिए है, जिन्हें उनके माता-पिता या परिवार द्वारा उचित देखभाल नहीं मिल पाती। इसमें पोषण देखभाल (Foster Care) के तहत बच्चों को किसी सक्षम और प्यार देने वाले परिवार के साथ रखा जाता है, ताकि उनका शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास सही ढंग से हो सके।
महत्वपूर्ण जानकारियाँ:
✔ पोषक परिवार बनने की योग्यता: आर्थिक और भावनात्मक रूप से सक्षम परिवार ही बच्चों को गोद ले सकते हैं।
✔ आयु सीमा: 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को इस योजना में शामिल किया जाता है।
✔ दत्तक ग्रहण और फोस्टर केयर में अंतर: फोस्टर केयर अस्थायी देखभाल है, जबकि दत्तक ग्रहण स्थायी होता है।
✔ पुनर्वास प्रक्रिया: बच्चों को सामाजिक और शैक्षणिक सहायता प्रदान की जाती है।
समाज की जिम्मेदारी और भावनात्मक पहलू
इस कार्यक्रम में विशेष न्यायाधीश श्री जयदीप गर्ग और सचिव कु. डिम्पल ने बताया कि “हर बच्चे को प्यार और सुरक्षा का अधिकार है।” उन्होंने समाज से आगे आकर ऐसे बच्चों की मदद करने की अपील की।
जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री राजेंद्र कुमार साहू ने कहा, “यह केवल एक कानूनी प्रक्रिया नहीं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं से जुड़ा मुद्दा है। हम सभी को मिलकर इन बच्चों के जीवन में उम्मीद की किरण बनना चाहिए।”
प्रश्नोत्तर सत्र के साथ समापन
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित लोगों ने अपने सवाल पूछे, जिनका विशेषज्ञों ने विस्तार से जवाब दिया। इससे लोगों में योजना के प्रति जागरूकता बढ़ी और कई लोगों ने पोषक परिवार बनने में रुचि दिखाई।
यह कार्यक्रम न केवल कानूनी जानकारी देने के लिए था, बल्कि समाज को यह संदेश देने के लिए भी था कि “हर बच्चा खुशहाल जीवन का हकदार है, और हम सभी मिलकर उनके भविष्य को उज्जवल बना सकते हैं।”
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