कोरबा (पब्लिक फोरम)। वेदांता समूह के BALCO की एल्युमिनियम नगरी, बालकोनगर इन दिनों अवैध कब्जे और प्रबंधन की उदासीनता के आरोपों के बीच सुर्खियों में है। नगर के हृदय स्थल व्यापारिक क्षेत्र, सिविक सेंटर से सटे डेली मार्केट की खाली जमीन पर रातों-रात दर्जनों दुकानें और गुमटियां खड़ी कर दी गई हैं, जिससे न सिर्फ कर्मचारियों में गुस्सा है, बल्कि नगर सुरक्षा और नगरीय प्रशासनिक व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं।

क्या है यह मामला?
बालको नगर के व्यापारिक क्षेत्र सिविक सेंटर के पास अस्थाई दैनिक बाजार के लिए आवंटित यह जमीन अब अवैध कब्जों की भेंट चढ़ गई है। लोहे-टीन की शेड और बांस की बल्लियों से 30-40 दुकानें बना ली गई हैं। यह क्षेत्र पहले छोटे व्यापारियों और कर्मचारियों की सुविधा के लिए था, लेकिन अब यहां अराजकता फैल गई है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि मेन रोड (मिनीमाता स्कूल चौक से बस स्टैंड तक) पर दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है।

प्रबंधन और सुरक्षा पर उठे सवाल
बालको कर्मचारियों का कहना है कि प्रबंधन छोटे-मोटे मामलों में कर्मचारियों पर तो तुरंत कड़ी कार्रवाई करता है, लेकिन इतने बड़े पैमाने के अतिक्रमण पर चुप्पी साधे हुए है। एक कर्मचारी ने नाराजगी जताते हुए कहा, “हम कर्मचारियों पर तो निलंबन और बर्खास्तगी का डर रहता है, लेकिन यहां खुलेआम कब्जा हो रहा है, उसका क्या?”
नगर के एक वकील ने बताया कि शाम के समय डेली मार्केट में सुरक्षाकर्मी आराम करते दिखे, जबकि उनकी नजरों के सामने ही दुकानें बन रही थीं।

राजनीतिक संरक्षण का शक
स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस अतिक्रमण के पीछे प्रबंधन और राजनीतिक ताकतों का मजबूत गठजोड़ है। यह भी चर्चा है कि 31 मार्च को एक बड़े अधिकारी के तबादले से पहले यह सुनियोजित कब्जा करवाया गया है। एक नागरिक ने कहा, “जो जमीन कर्मचारियों और नागरिकों की सुविधा के लिए थी, वहां अवैध दुकानें बन रही हैं। आखिरकार, प्रबंधन मूकदर्शक क्यों बना हुआ है?”

कर्मचारियों की चिंता और मांग
इस मामले ने कर्मचारियों और नगरवासियों को डर और गुस्से में डाल दिया है। उनका कहना है कि अगर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई, तो अतिक्रमण का यह सिलसिला बढ़ता रहेगा। साथ ही, कंपनी की जमीन के नुकसान के साथ-साथ लोगों का भरोसा भी टूटेगा।

अब आगे क्या होगा?
बालको प्रबंधन की चुप्पी और नगर सुरक्षा की लापरवाही ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। कर्मचारियों और निवासियों की मांग है कि:-
1. अवैध दुकानों को तुरंत हटाया जाए। या उन्हें व्यवस्थित किया जाए।
2. जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो।
3. भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए सख्त नीति बनाई जाए।
बालको नगर में अवैध कब्जे की आग को शांत करने के लिए प्रबंधन को तत्काल पारदर्शी जाँच और कार्रवाई करनी होगी। कर्मचारियों और आमजन की नजरें अब उस एक्शन पर टिकी हैं, जो उनके हक और न्याय की गारंटी दे सके।
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