कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा जिले के ग्राम कसरेंगा में स्थित चावल उसना मिल (फैक्ट्री) से फैल रहे प्रदूषण ने ग्रामीणों के जीवन को संकट में डाल दिया है। आशीष बंसल और हिमांशु बंसल द्वारा संचालित यह फैक्ट्री दिन-रात 24 घंटे काम कर रही है, जिससे पर्यावरणीय समस्याएं गंभीर हो गई हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि फैक्ट्री से निकलने वाला धुआं और केमिकल युक्त अपशिष्ट न केवल खेतों को बर्बाद कर रहा है, बल्कि तालाब, नदी और गली के पानी को भी जहरीला बना रहा है। मवेशी इस पानी को पीकर बीमार हो रहे हैं और कई बार उनकी मौत भी हो चुकी है।

गांववासियों के घरों के पास स्थित कुओं का पानी पूरी तरह काला और प्रदूषित हो चुका है। पीने योग्य स्वच्छ पानी न मिलने से ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है। साथ ही, बच्चों और बुजुर्गों में सांस संबंधी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं।
ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन से शिकायत की, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इस लापरवाही के चलते लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

ग्रामीणों ने कलेक्टर से मांग की है कि फैक्ट्री को तुरंत बंद कराया जाए और इसके मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि यदि समस्या का समाधान जल्द नहीं किया गया, तो वे सामूहिक आंदोलन करेंगे।
यह मुद्दा केवल पर्यावरणीय नहीं है, बल्कि ग्रामीणों के जीवन और भविष्य से जुड़ा है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस समस्या का समाधान कब और कैसे करता है।
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