कोरबा (पब्लिक फोरम)। संविधान के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर जिला कांग्रेस कमेटी कोरबा ने घंटाघर चौक स्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष भव्य संविधान दिवस समारोह का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में कांग्रेस के प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं ने संविधान की महत्ता को नमन करते हुए बाबा साहेब को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी दूरदर्शिता को याद किया।
संविधान की रक्षा का आव्हान
पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए संविधान की रक्षा का संकल्प लेने का आव्हान किया। उन्होंने कहा, “संविधान केवल एक किताब नहीं, बल्कि हमारे देश के नागरिकों के अधिकार, विश्वास और संकल्प का प्रतीक है। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने इस महान ग्रंथ को तैयार करने में अथक मेहनत की, जो आज हमारे देश की लोकतांत्रिक प्रणाली का आधार है।”
श्री अग्रवाल ने संविधान की प्रस्तावना का वाचन करते हुए इसे भारत के अतीत और सुनहरे भविष्य का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि हमारे महापुरुषों ने अपने त्याग और ज्ञान से एक ऐसा संविधान बनाया, जो हर नागरिक को समान अधिकार और गरिमा प्रदान करता है।

संविधान: अधिकार और कर्तव्यों का स्रोत
महापौर राजकिशोर प्रसाद ने कहा कि भारतीय संविधान ने देश को “संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य” के रूप में स्थापित किया। यह हमें सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा की गारंटी देता है और हर नागरिक के विकास के लिए समान अवसर सुनिश्चित करता है।
सभापति श्यामसुंदर सोनी ने संविधान निर्माताओं की दूरदर्शिता को सलाम करते हुए कहा, “संविधान दिवस पर हम बाबा साहेब और संविधान सभा के अन्य सदस्यों के योगदान को नमन करते हैं। उनकी मेहनत और सोच ने भारत को एक मजबूत और न्यायपूर्ण व्यवस्था दी है।”
जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप जायसवाल ने संविधान निर्माण की कठिन प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इसे तैयार करने में वर्षों का समय और हजारों घंटों की मेहनत लगी। उन्होंने कहा कि संविधान लेखन के दौरान 432 पेन की निब घिस गई, जो इस कार्य की जटिलता और समर्पण को दर्शाता है।
कार्यक्रम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी
इस अवसर पर शहर के कई प्रमुख नेता और नागरिक उपस्थित रहे, जिनमें पार्षद अनुज जायसवाल, संतोष लांझेकर, नरायण कुर्रे, निर्मल सिंह राज, और युवा कांग्रेस अध्यक्ष राकेश पंकज प्रमुख रूप से शामिल थे। सभी ने बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम के दौरान सभी वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि संविधान दिवस न केवल संविधान को याद करने का दिन है, बल्कि इसे संरक्षित करने और इसके मूल्यों को जीवन में अपनाने का भी अवसर है। बाबा साहेब के आदर्शों और उनके संघर्षों को याद करते हुए सभी ने संविधान की रक्षा और उसके आदर्शों के प्रति समर्पण का संकल्प लिया।
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