रुंगटा कंपनी मजदूरों के हक़ पर कर रही है डाका, नहीं देंगे बर्दाश्त: दिलीप मिरी, छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना प्रदेशाध्यक्ष
कोरबा (पब्लिक फोरम)। साउथ ईस्ट कोलफील्ड लिमिटेड (SECL) के गेवरा प्रोजेक्ट में आउटसोर्सिंग कंपनी रुंगटा और उसके पेटी कॉन्ट्रैक्टर बाला जी पर मजदूरों का शोषण करने का गंभीर आरोप लगा है। मजदूरों का कहना है कि उन्हें एचपीसी द्वारा निर्धारित 1305 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी मिलनी चाहिए, जो लगभग 34,000 रुपये मासिक बनती है। इसके बावजूद उन्हें मात्र 21,000 रुपये ही वेतन दिया जा रहा है, और उसमें से भी पीएफ के नाम पर 3600 रुपये काट लिए जाते हैं। इस अनियमितता को लेकर सैकड़ों मजदूर आक्रोशित हैं।
मजदूरों ने कोरबा कलेक्टर ऑफिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद बिलासपुर केंद्रीय श्रम आयुक्त के पास भी अपनी व्यथा रखी। केंद्रीय श्रम आयुक्त ने मजदूरों को उचित और कठोर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
मजदूरों के समर्थन में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप मिरी ने कहा कि रुंगटा कंपनी की मनमानी और मजदूरों के साथ की जा रही अनदेखी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “अगर कंपनी ने जल्द ही अपनी नीतियों में सुधार नहीं किया तो हम एक बड़े आंदोलन की तैयारी करेंगे।”
दिलीप मिरी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने केंद्रीय श्रम आयुक्त से मांग की है कि मजदूरों को उनके हक की पूरी मजदूरी और अन्य सभी लाभ समय पर दिए जाएं। मिरी ने स्पष्ट किया कि मजदूरों के अधिकारों के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी और जरूरत पड़ने पर वृहद रूप से आंदोलन किया जाएगा।
यह मामला मजदूरों के अधिकारों के हनन का जीता-जागता उदाहरण है, जहां कंपनी की मनमानी मजदूरों के जीवन पर भारी पड़ रही है। अब देखने वाली बात होगी कि केंद्रीय श्रम आयुक्त इस मामले में कब और क्या ठोस कदम उठाते हैं।
एचपीसी रेट ना मिलने पर रुंगटा कंपनी के खिलाफ मजदूरों की शिकायत, केंद्रीय श्रम आयुक्त ने दी कार्रवाई का आश्वासन
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