गुरूवार, मार्च 13, 2025
होमआसपास-प्रदेशनिःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा बच्चों का मौलिक अधिकार: सचिव, जिला विधिक सेवा...

निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा बच्चों का मौलिक अधिकार: सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कोरबा

विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर कोरबा में विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा जिले में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर श्रम कल्याण केन्द्र, सीएसईबी कॉलोनी दर्री में एक विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन श्री सत्येन्द्र कुमार साहू, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जिविसेप्रा), कोरबा के मार्गदर्शन में किया गया।
कु. डिम्पल, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कोरबा ने इस अवसर पर बाल श्रम निषेध दिवस के महत्त्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 1973 में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के अभिसमय संख्या 138 के अनुसार, 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों द्वारा किसी भी आर्थिक गतिविधि में संलग्न होना बाल श्रम माना जाता है।

बालकों के मौलिक अधिकारों के बारे में जानकारी देते हुए कु. डिम्पल ने बताया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21ए के अनुसार, 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान किया गया है। 2009 में पारित ‘बच्चों का निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम’ (आरटीई एक्ट) भी इसी का समर्थन करता है।

बाल श्रम निषेध और विधिक प्रावधान

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 24 में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी कारखाने, खदान या अन्य खतरनाक रोजगार में काम करने से निषेधित किया गया है। राज्य नीति निर्देशक सिद्धांतों के अंतर्गत, सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है कि मजदूरों, पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और शक्ति का दुरुपयोग न हो। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी नागरिक आर्थिक मजबूरियों के कारण ऐसे कार्यों में न उलझे जो उनकी उम्र और क्षमता के अनुकूल नहीं हैं।

बाल श्रम कानून और किशोर न्याय अधिनियम

श्री राजेश कुमार आदिले, सहायक श्रम आयुक्त, कोरबा ने बताया कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को खतरनाक कारखानों या प्लांटों में काम करने से रोकने के लिए कानून का सख्ती से पालन किया जा रहा है। श्री संदीप बिसेन ने किशोर न्याय (देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2002 के तहत बच्चों के अधिकारों, उनकी देखभाल और संरक्षण के बारे में जानकारी दी।

समुदाय और सरकारी प्रयास

श्री फिरत राम साहू, वार्ड पार्षद ने मोहल्ले में विशेष शिविर लगाकर पुनः विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का आग्रह किया। श्रम विभाग द्वारा योजनाओं के क्रियान्वयन और प्रचार-प्रसार की जानकारी भी दी गई। इस अवसर पर श्रम निरीक्षक श्री बी.पी. साहू, पैरालीगल वॉलीण्टियर्स श्रीमती विजय लक्ष्मी सोनी, नारायण केवर्त और अहमद खान ने भी अपनी भागीदारी निभाई।

इस आयोजन का संचालन श्रम निरीक्षक सुरेश कुर्रे ने किया और उपस्थित लोगों को विधिक सेवा योजनाओं की जानकारी देने के लिए पाम्पलेट वितरित किए गए। महिला बाल विकास विभाग की हेल्पलाइन नंबर 1098 की भी जानकारी दी गई, जिससे आवश्यक परिस्थितियों में निःशुल्क कॉल की जा सके।
इस प्रकार, इस कार्यक्रम ने बाल श्रम के उन्मूलन और बच्चों के शिक्षा के अधिकार को लेकर समाज में जागरूकता बढ़ाने का महत्वपूर्ण कार्य किया।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments