रायपुर (पब्लिक फोरम)। ऑल इंडिया पीपुल्स फोरम छत्तीसगढ़ के संयोजक बृजेंद्र तिवारी, छत्तीसगढ़ नागरिक संयुक्त संघर्ष समिति के प्रवक्ता एवं संयोजक धर्मराज महापात्र, एससी एसटी ओबीसी माइनॉरिटी संयुक्त मोर्चा छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष अजय चौहान, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार समिति छत्तीसगढ़ के प्रदेश सचिव सोमनल बघेल, दलित शोषण मुक्ति मंच रायपुर के संयोजक चंद्रशेखर नाग, प्रोग्रेसिव माइनॉरिटी फोरम छत्तीसगढ़ के संयोजक एडवोकेट सैयद सादिक अली, प्रोग्रेसिव क्रिस्चियन अलायंस छत्तीसगढ़ के संयोजक एडवोकेट सोनसिंग झाली तथा आदिनिवासी गण परिषद छत्तीसगढ़ के संयोजक भुवन लाल नेताम सहित जन संगठनों के पदाधिकारियों ने संयुक्त रुप से 5 सितंबर को दक्षिणपंथी संगठनों के असामाजिक और गुंडा तत्वों द्वारा रायपुर के पुरानी बस्ती स्थित थाने में घुसकर पादरियों पर जानलेवा हमले की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
जन संगठनों के पदाधिकारियों ने आज मीडिया को जारी संयुक्त बयान में इस बात पर क्षोभ व्यक्त किया कि राज्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भाजपा और उनसे जुड़े संगठन अपने घृणित सांप्रदायिक अभियान में लगातार अल्पसंख्यकों को विशेषकर ईसाई समुदाय को अपना निशाना बना रहे है। राज्य में कांग्रेस की सरकार आने के बाद से लगातार भाजपा के सांप्रदायिक संगठन ईसाई अल्पसंख्यको के खिलाफ अधिक सक्रीय हुये हैं।
हाल के समय में ऐसे हमले लगातार हो रहे है और इन अपराधिक तत्वों के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं होती है। पीड़ित पक्ष को कोई राहत नहीं मिलती, बल्कि इसके विपरीत पीड़ित पक्ष के खिलाफ कार्यवाही करने की प्रवृत्ति बढती जा रही है। यह पुलिस प्रशासन और सांप्रदायिक ताकतों के बीच मूक सहमति का सजीव उदाहरण है। अगर यह नहीं होता तो राज्य में अल्पसंख्यकों विशेष रूप से ईसाइयों पर एक के बाद एक हमले नहीं हो रहे होते। पूरे प्रदेश मे ईसाई समुदाय के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा का विस्तार चिंताजनक है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि 5 सितंबर को रायपुर में पादरियों को थाने में पुलिस की तथाकथित सुरक्षा के बावजूद सांप्रदायिक तत्वों द्वारा मारपीट तथा पुलिस कर्मियों पर हमला इसी कड़ी में एक और खेदजनक घटना है। ऐसी प्रवृत्ति पूर्णतः असंवैधानिक और घोर आपराधिक है।
जन संगठनों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग की है कि :-
1. राज्य में इस तरह की अपराधिक घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे ।
2. उक्त पुरानी बस्ती थाना के घटना में संलिप्त सभी अपराधियों को सीसी टीवी फुटेज के आधार पर गिरफ्तार कर क़ानूनी कार्यवाही की जाए।
3. विगत तीन वर्षों में कॉंग्रेस सरकार के कार्यकाल में ईसाईयों पर हुए हिंसक वारदातों के मद्देनज़र एक निष्पक्ष जांच आयोग का गठन हो और उसके रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाए।
4. किसी भी सांप्रदायिक घटना की ठोस जिम्मेदारी तय हो और अविलंब दोषियों पर आपराधिक धाराओं के तहत प्रभावी कार्रवाई की जाए।
5. किसी भी सांप्रदायिक / समुदाय विशेष के प्रति आपराधिक कार्यवाही की जिम्मेदारी जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की होनी चाहिए।
संगठनों ने उम्मीद जताई कि सरकार राज्य में ईसाई समुदाय पर हो रहे उपरोक्त कृत्यों का संज्ञान लेगी और प्रभावी कार्रवाई करेगी।
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