कोरबा (पब्लिक फोरम)। ऊर्जाधानी विस्थापित किसान कल्याण संगठन के द्वारा अपनी विभिन्न लंबित मांगों को लेकर 3 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया गया है। दीपका परियोजना से प्रभावित ग्राम मलगांव से प्रारंभ यह धरना आंदोलन नरईबोध में भी जारी है।
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भू विस्थापितों के द्वारा ग्राम आमगांव में किए जा रहे प्रदर्शन स्थल पर शनिवार को शाम के वक्त कटघोरा एसडीएम नंदजी पांडेय, एसईसीएल के अधिकारी शशांक, हरदी बाजार पुलिस चौकी प्रभारी अभय बैस व अन्य लोग पहुंचे।
एसडीएम के द्वारा भू विस्थापितों की मांगों के संबंध में चर्चा कर 18 अक्टूबर सोमवार को सुबह 11 बजे गेवरा कार्यालय में बैठक रखने का प्रस्ताव दिया गया। विस्थापितों ने कहा कि बैठक निर्धारित होनी चाहिए। विस्थापितों ने कहा कि इस बैठक में एसईसीएल की चारों परियोजना कोरबा, कुसमुंडा, गेवरा, दीपका के मुख्य महाप्रबंधक/ महाप्रबंधक अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें, इनके अलावा एसईसीएल बिलासपुर मुख्यालय से भी सक्षम अधिकारियों को बैठक में बुलाया जाए जो किसी भी तरह का निर्णय लेने की क्षमता रखते हों। पहले की बैठकों में सक्षम अधिकारी उपस्थित नहीं होते रहे और बाद में अधिकार क्षेत्र से बाहर होने तथा उच्च स्तर पर अनुमति के लिए मांग भेजने की बात कहकर हर बार टाल दिया जाता रहा।
एसडीएम ने आश्वस्त किया है कि चारों क्षेत्र के महाप्रबंधक के अलावा मुख्यालय से सक्षम अधिकारी को बुलाया जा कर मध्यस्था में बैठक कराई जाएगी। भू विस्थापत नेताओं ने कहा है कि वे अपना आंदोलन और प्रदर्शन शांतिपूर्वक कर रहे हैं, उनके द्वारा किसी भी तरह से कोयला उत्पादन कार्य में बाधा नहीं पहुंचाई जा रही है किंतु उनका आंदोलन मांगों के पूर्ण होने तक जारी रहेगा। इस दौरान प्रमुख रुप से ललित महिलांगे, मनीराम भारती, अनुसूईया राठौर, रविंद्र जगत, कुलदीप सिंह राठौर, संतोष दास महंत आदि उपस्थित रहे।
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