कोरबा (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक दर्दनाक हादसे ने सबको झकझोर कर रख दिया। कटघोरा थाना क्षेत्र के ग्राम लखनपुर बरभाठा में न्यू वैष्णवी राइस मिल में शुक्रवार को उस वक्त हाहाकार मच गया, जब तेज हवा के झोंके ने निर्माणाधीन दीवार को ढहा दिया। इस भयानक हादसे में मलबे के नीचे दबकर 2 से 3 मजदूरों की जान चली गई, जबकि करीब 6 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा इतना भयावह था कि मौके पर मौजूद लोगों के होश उड़ गए और आसपास के गांव वालों का हुजूम मदद के लिए दौड़ पड़ा।
हादसे की दुखद कहानी
सुबह का वक्त था। न्यू वैष्णवी राइस मिल में मजदूर अपने काम में जुटे थे। अचानक तेज हवा का झोंका आया और निर्माणाधीन दीवार पलक झपकते ही भरभराकर गिर पड़ी। इसके नीचे कई मजदूर दब गए। चीख-पुकार के बीच वहां अफरा-तफरी मच गई। कुछ लोगों ने तुरंत मलबा हटाने की कोशिश शुरू की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। दो मजदूरों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि तीसरे ने अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में अंतिम सांस ली। घायलों को फौरन नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
गांव वालों का हौसला और पुलिस का एक्शन

हादसे की खबर फैलते ही लखनपुर बरभाठा के लोग मदद के लिए दौड़े। हाथों-हाथ मलबा हटाने का काम शुरू हुआ। सूचना मिलते ही कटघोरा पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाया गया। पुलिस ने मलबे से लोगों को निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, 2 मजदूरों की मौके पर मौत हुई, जबकि एक की जान रास्ते में गई। घायलों की सही संख्या और उनकी हालत की पुष्टि के लिए जांच जारी है।
मजदूरों के परिवार का दर्द
इस हादसे ने कई घरों के चिराग बुझा दिए। मृतक मजदूरों के परिवारों में मातम पसरा है। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “सब कुछ एक पल में खत्म हो गया। जो लोग सुबह घर से काम पर निकले थे, उनके घरवाले अब उनकी लाश का इंतजार कर रहे हैं।” घायलों के परिजन अस्पतालों में उनके ठीक होने की दुआ मांग रहे हैं। यह हादसा न सिर्फ एक त्रासदी है, बल्कि उन गरीब मजदूरों की जिंदगी की अनिश्चितता को भी बयां करता है, जो रोजी-रोटी के लिए जान जोखिम में डालते हैं।
क्या है हादसे का कारण?
प्रारंभिक जांच में पता चला कि तेज हवा इस हादसे की मुख्य वजह बनी। हालांकि, निर्माणाधीन दीवार की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्या दीवार को मजबूत बनाने में लापरवाही बरती गई? क्या मजदूरों को काम के दौरान सुरक्षा उपकरण दिए गए थे? इन सवालों के जवाब जांच के बाद ही सामने आएंगे। प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं।
अब आगे क्या?
पुलिस और प्रशासन राहत कार्य में जुटे हैं। घायलों का इलाज जारी है और मृतकों के शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजे गए हैं। जिला प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिया है। इस हादसे ने एक बार फिर निर्माण स्थलों पर मजदूरों की सुरक्षा का मुद्दा उठा दिया है।
यह हादसा सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि उन मेहनतकश मजदूरों की जिंदगी का दर्दनाक सच है, जो हर दिन अपने परिवार के लिए जद्दोजहद करते हैं। इस त्रासदी ने पूरे जिले को शोक में डुबो दिया है। अब देखना यह है कि जांच में क्या खुलासे होते हैं और पीड़ितों को इंसाफ कब मिलता है।
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