कोरबा (पब्लिक फोरम)। तकनीक जब गांवों की चौखट तक पहुंचती है, तो विकास की एक नई इबारत लिखी जाती है। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले का ग्राम बेला आज इसी बदलाव का साक्षी बन रहा है। यहां स्थापित “अटल डिजिटल सुविधा केंद्र” अब केवल एक सरकारी योजना का नाम नहीं, बल्कि ग्रामीणों के लिए विश्वास और सुविधा का पर्याय बन चुका है। भारत सरकार और छत्तीसगढ़ शासन की इस पहल ने ग्रामीणों के जीवन को सरल बनाते हुए उनके समय, धन और श्रम की बचत की है, जिससे वे आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।
यह केंद्र गांव और शहर के बीच की दूरी को पाट रहा है। पहले जिस काम के लिए ग्रामीणों को घंटों सफर कर शहर जाना पड़ता था, वह अब उनके अपने गांव में ही चंद मिनटों में हो जाता है। बैंकिंग सेवाओं से लेकर पेंशन, आयुष्मान कार्ड बनवाने और सरकारी योजनाओं का लाभ लेने तक, सब कुछ एक ही छत के नीचे उपलब्ध है।
बुजुर्गों और महिलाओं के लिए बना सहारा
ग्राम बेला के निवासी धनीराम कंवर अपने अनुभव साझा करते हुए बताते हैं, “पहले हमें पैसे निकालने जैसी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए भी कई किलोमीटर दूर बालको जाना पड़ता था। लेकिन अब यह केंद्र खुल जाने से सारी चिंताएं दूर हो गई हैं। पैसा निकालना हो या किसी सरकारी योजना का लाभ लेना हो, मेरा हर काम यहीं से हो जाता है।”
उनकी पत्नी, जो सरकार की महत्वाकांक्षी ‘महतारी वंदन योजना’ की लाभार्थी हैं, कहती हैं कि अब उन्हें योजना की राशि निकालने के लिए बैंक की लंबी कतारों में नहीं लगना पड़ता। पैसा सीधे गांव के केंद्र से मिल जाता है, जिससे समय और धन दोनों की बचत होती है और वे अपने घर-परिवार की देखभाल भी बेहतर तरीके से कर पाती हैं। श्री कंवर ने इसी केंद्र से अपना आयुष्मान कार्ड भी बनवाया है, जिससे उन्हें बड़े अस्पतालों में मुफ्त इलाज का भरोसा मिला है। वे कहते हैं, “इस सुविधा केंद्र ने हमारे जीवन में वास्तविक बदलाव ला दिया है।”

डिजिटल क्रांति से आसान होता जीवन
अटल डिजिटल सुविधा केंद्रों का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण भारत को डिजिटल सेवाओं से जोड़कर सशक्त बनाना है। ये केंद्र न केवल ग्रामीणों को सरकारी और गैर-सरकारी सेवाओं तक आसान पहुंच प्रदान कर रहे हैं, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा कर रहे हैं। ग्राम बेला का केंद्र प्रशिक्षित ऑपरेटरों द्वारा संचालित किया जाता है, जिससे सभी कार्य तेजी और पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न होते हैं।
इन केंद्रों के माध्यम से पेंशनभोगियों को समय पर पेंशन मिल रही है, तो वहीं किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं की राशि निकालने के लिए भटकना नहीं पड़ रहा। महिलाओं के खाते में ‘महतारी वंदन योजना’ की राशि समय पर पहुंच रही है और ग्रामीण आसानी से आयुष्मान भारत कार्ड, पैन कार्ड जैसे जरूरी दस्तावेज बनवा पा रहे हैं।
श्री कंवर कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहते हैं, “आज हमें यह महसूस हो रहा है कि शासन की योजनाएं सच में हम गरीबों तक पहुंच रही हैं। इस केंद्र ने हमें शहर की भागदौड़ से मुक्ति दिलाकर हमारे जीवन को सरल बना दिया है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का हृदय से धन्यवाद करता हूं।”
वास्तव में, ग्राम बेला का यह केंद्र इस बात का जीवंत उदाहरण है कि कैसे तकनीक का सही उपयोग दूर-दराज के गांवों में विकास की नई सुबह ला सकता है और सच्चे अर्थों में “ग्राम स्वराज” के सपने को साकार कर सकता है।
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