back to top
मंगलवार, जुलाई 8, 2025
होमआसपास-प्रदेशएनटीपीसी कोरबा से प्रभावित भूविस्थापित परिवार अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे: 43 वर्ष...

एनटीपीसी कोरबा से प्रभावित भूविस्थापित परिवार अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे: 43 वर्ष बाद भी नहीं मिली नौकरी

कोरबा (पब्लिक फोरम)। एनटीपीसी कोरबा के द्वारा पिछले 43 वर्षों से प्रभावित भूविस्थापितों को नौकरी नहीं दी गई है। लगातार संघर्षरत भूविस्थापितों ने आखिरकार 16 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी प्रबंधन व प्रशासन को दी है।

मांगे पूरी नहीं होने की स्थिति में प्रभावित भू विस्थापित जिला मुख्यालय के समीप तानसेन चौक पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं।
भूविस्थापितों ने जानकारी देते हुए कहा कि एनटीपीसी कोरबा द्वारा सन् 1978-79 में पॉवर प्लांट की स्थापना के लिए भूमि अधिग्रहण के समय जारी आम सूचना 4 सितम्बर 1979 के अनुसार कहा गया था कि राष्ट्रीय विद्युत ताप परियोजना निगम ने यह स्वीकार किया है कि प्रत्येक परिवार में एक व्यक्ति को जिनकी भूमि परियोजना हेतु अधिग्रहित की गई है। क्रमिक रूप से शैक्षणिक एवं अन्य योग्यताओं के आधार पर रोजगार एवं नौकरी प्रदान किया जावेगा।

विस्थापितों ने बताया कि कुल 307 विस्थापित प्रभावित थे जिनकी जमीनें अधिग्रहित की गई उसमें से मात्र 38 लोगों को ही स्थाई नौकरी एनटीपीसी प्रबंधन ने दिया और बाकी 269 स्थापित अभी भी अपने-अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। 43 साल पूरे होने के बाद अभी भी मात्र आश्वासन ही मिलता रहा है। यह कि परियोजना का निर्माण कार्य जैसे-जैसे बढ़ता जावेगा, रोजगार के अवसर भी बढ़ते जावेंंगे एवं तदनुसार लोगों को भी क्रमिक रूप से रोजगार प्रदान किया जावेगा। एक साथ सभी के लिए रोजगार मुहैया कराना असंभव है और न ही किसी परियोजना में ऐसा हुआ है।

उपरोक्त आम सूचना के आधार पर ग्राम चारपारा के भूविस्थापितों लक्ष्मण लाल कैवर्त, प्रहलाद केवट, पीकराम केवट, अर्जुन देवांगन, सुनील कुमार केवट, राजकुमार केवट, उमेंद पटेल तथा अनुप केवट द्वारा एनटीपीसी कोरबा में स्थाई नौकरी के लिए विगत 43 वर्षों से प्रयास किया जा रहा है। इस क्रम में भू-विस्थापितों को 15 दिवस में नौकरी देने के लिए विगत 4 जुलाई को कार्यपालक निदेशक एनटीपीसी कोरबा के नाम पत्र भेजा गया लेकिन एनटीपीसी प्रबंधन के द्वारा मॉंगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया और ना ही किसी प्रकार की कोई जानकारी प्रदान की गई।

ऐसी स्थिति में भू-विस्थापित बेहद आक्रोशित हैं। भूविस्थापितों ने बताया कि 16 अगस्त से हड़ताल की सूचना पर एनटीपीसी प्रबंधन के द्वारा द्वारा 8 और 10 अगस्त को नौकरी के संबंध में बैठक बुलाई गई लेकिन कहने के बाद भी नौकरी के संबंध में कोई चर्चा नहीं की गई। बल्कि अन्य मुद्दों पर बातचीत किया जाता रहा। नौकरी के नाम पर एनटीपीसी प्रबंधन के साथ कोई भी सहमति नहीं बन पाने के कारण प्रभावित भूविस्थापित तानसेन चौक पर मंगलवार 16 अगस्त से अपने परिवार के सदस्यों के साथ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments