कोरबा (पब्लिक फोरम)। अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर कोरबा में एक महत्वपूर्ण विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डालसा) कोरबा के अध्यक्ष के निर्देशन में यह कार्यक्रम शासकीय कन्या हायर सेकेंडरी विद्यालय साडा में संपन्न हुआ।
इस कार्यक्रम का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग और स्वयंसेवी संस्थाओं के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। इसका उद्देश्य दिव्यांग बच्चों और उनके परिवारों को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करना था।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा की सचिव कुमारी डिंपल ने दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 के तहत मिलने वाले अधिकारों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दिव्यांग बच्चों को शिक्षा, रोजगार, सामाजिक सुरक्षा, आवागमन और न्याय तक समान अवसर प्राप्त करने का पूर्ण कानूनी अधिकार है। उन्होंने समान सम्मान और गैर-भेदभाव के सिद्धांतों पर भी जोर दिया।
कार्यक्रम के दौरान दिव्यांग छात्र-छात्राओं को चित्रकला सामग्री उपहार में वितरित की गई। सचिव डिंपल ने उनके द्वारा बनाई गई चित्रकलाओं का अवलोकन किया और एकता दौड़ को हरी झंडी दिखाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल रोहित राजवाड़े ने अपने उद्बोधन में दिव्यांगजनों को प्रेरित करते हुए कहा कि ईश्वर ने यदि कुछ लिया है तो कुछ विशेष भी दिया है। दिव्यांगता के साथ कुछ विशेष गुण और उपलब्धियां भी मिली हैं, जिनके माध्यम से वे श्रेष्ठता के शिखर तक पहुंच सकते हैं।
डिप्टी चीफ नंदकिशोर पासवान ने प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों को इस दिवस को उत्सव के रूप में मनाने की प्रेरणा दी।
जिला शिक्षा अधिकारी टी.पी. उपाध्याय ने अपने संबोधन में एक बागीचे का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस प्रकार एक बागीचे में तरह-तरह के फूल खिलते हैं, जिनका अपना रंग और खुशबू होती है, उसी प्रकार हर व्यक्ति की अपनी विशेषता और योग्यता होती है, जो उसे सक्षम बनाती है।
डीएमसी मनोज पांडेय और उपसंचालक समाज कल्याण हरीश सक्सेना ने बताया कि समाज कल्याण विभाग दिव्यांगजनों के सहयोग के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करता है, जिससे सामाजिक और आर्थिक दोनों स्तरों पर व्यापक सकारात्मक परिवर्तन संभव होते हैं। उन्होंने बताया कि देश में करोड़ों दिव्यांगजन विज्ञान, तकनीकी और उद्यमिता जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं।
कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी, सहायक लीगल काउंसिल, पैरालीगल वालंटियर्स तथा डीएलएसए/एलएडीएस के कर्मचारी उपस्थित रहे।





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