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सोमवार, नवम्बर 17, 2025
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सोनम वांगचुक की रिहाई की मांग: सर्व आदिवासी समाज कोरबा 6 अक्टूबर को देगा राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन

कोरबा (पब्लिक फोरम)। लद्दाख क्षेत्र के पर्यावरणविद् और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक पर देशद्रोह और एनएसए जैसी गंभीर धाराओं के तहत की गई कार्रवाई के विरोध में सर्व आदिवासी समाज जिला कोरबा ने बड़ा कदम उठाने का निर्णय लिया है। समाज के सभी युवा, महिला प्रभाग, जिला एवं ब्लॉक पदाधिकारियों सहित सहयोगी संगठनों से इस आंदोलन में शामिल होने की अपील की गई है।

जिला अध्यक्ष सेवक राम मरावी ने बताया कि सरकार द्वारा सोनम वांगचुक जैसे सम्मानित व्यक्ति पर लगाए गए देशद्रोह और एनएसए जैसे अमानवीय और अपमानजनक आरोप न केवल लोकतांत्रिक असहमति के अधिकार पर हमला हैं, बल्कि यह राष्ट्र की सामाजिक चेतना के लिए भी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि यह कदम संविधान के मौलिक मूल्यों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की भावना के विपरीत है।

श्री मरावी ने कहा कि इस अन्याय के खिलाफ शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीके से आवाज उठाना समाज का कर्तव्य है। इसी उद्देश्य से 6 अक्टूबर 2025, सोमवार को सुबह 11:30 बजे बुधवारी बाजार चौक, कोरबा में एकत्र होकर महामहिम राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

सर्व आदिवासी समाज ने सभी सदस्यों, संगठनों और जागरूक नागरिकों से अपील की है कि वे समय पर उपस्थित होकर ज्ञापन सौंपने की सामूहिक प्रक्रिया में भाग लें और मूलनिवासी समुदाय की एकता एवं संवैधानिक अधिकारों की रक्षा का परिचय दें।

समाज ने कहा कि सोनम वांगचुक जैसे व्यक्ति, जिन्होंने सदैव हिमालयी क्षेत्र के पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा सुधार और स्थानीय आत्मनिर्भरता के लिए कार्य किया, उनके खिलाफ इस तरह की कठोर कार्रवाई राष्ट्रहित के विरुद्ध है। सरकार को चाहिए कि वे वांगचुक की तुरंत और बिना शर्त रिहाई सुनिश्चित करें तथा लोकतांत्रिक असहमति का सम्मान करें।

इस आयोजन के माध्यम से सर्व आदिवासी समाज कोरबा न केवल वांगचुक की रिहाई की मांग करेगा, बल्कि देशभर के नागरिक समाज को यह संदेश भी देगा कि सत्य, न्याय और लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुटता ही सबसे बड़ी ताकत है।

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