रायपुर (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ की राजनीति में शनिवार, 4 अक्टूबर 2025 का दिन भारी गहमागहमी भरा रहा। अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए, वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर कोरबा कलेक्टर को हटाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री निवास के सामने धरना देने रायपुर पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें एम्स के पास गहोई भवन में नजरबंद कर दिया। इस राजनीतिक घटनाक्रम ने प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज कर दी है। श्री कंवर के समर्थन में उनके समर्थकों के अलावा, आदिनिवासी गण परिषद, मूल निवासी संघ आदि सामाजिक संगठन सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता भी सामने आए हैं, जिससे यह मामला और भी संवेदनशील हो गया है।

जब अपने ही हो गए खिलाफ: धरना स्थल से पहले नजरबंद
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ननकी राम कंवर को 4 अक्टूबर को मुख्यमंत्री निवास के समक्ष धरना देना था। इसके लिए वे शुक्रवार को ही रायपुर पहुंच गए थे। शनिवार सुबह जब वे अपने समर्थकों के साथ धरना स्थल के लिए निकले, तो रायपुर पुलिस ने उन्हें एम्स अस्पताल के पास स्थित एक भवन में रोक लिया और नजरबंद कर दिया। इस दौरान श्री कंवर ने शासन के इस रवैये पर गहरी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि जब तक कलेक्टर को हटाया नहीं जाता, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे। मौके पर एसडीएम और भारी पुलिस बल की मौजूदगी से तनाव का माहौल बना रहा।

क्या है 14 सूत्रीय शिकायतों का बवंडर?
यह पूरा विवाद कोरबा के कलेक्टर अजीत वसंत के खिलाफ ननकी राम कंवर द्वारा लगाए गए 14 बिंदुओं के गंभीर आरोपों पर केंद्रित है। कंवर ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को लिखे पत्र में कलेक्टर पर भ्रष्टाचार, मनमानी, जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा और “हिटलर” जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया है। शिकायतों में खनिज न्यास मद (DMF) में अनियमितता, अपने समर्थकों पर द्वेषपूर्ण कार्यवाही और दुर्व्यवहार जैसे मुद्दे शामिल हैं। श्री कंवर का आरोप है कि वे लंबे समय से इन मुद्दों को उठा रहे हैं, लेकिन सरकार में बैठे कुछ वरिष्ठ अधिकारी भ्रष्ट कलेक्टर को संरक्षण दे रहे हैं, जिससे कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

आदिवासी नेता के सम्मान में मूलनिवासी संघ मैदान में
ननकी राम कंवर के इस संघर्ष को अब सामाजिक संगठनों का भी समर्थन मिलने लगा है। आज उनके धरना प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए आदिनिवासी गण परिषद, मूलनिवासी संघ, छत्तीसगढ़ के सामाजिक कार्यकर्ता बड़ी संख्या में रायपुर पहुंचे। संघ की कोरबा, रायपुर और अन्य जिला इकाइयों के कार्यकर्ता इसमें शामिल हुए। वरिष्ठ आदिवासी नेता ननकी राम कंवर के समर्थन में आदिनिवासी गण परिषद ने स्पष्ट रुख अपनाते हुए प्रदेश में आदिवासी नेतृत्व का सम्मान और संघर्ष के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की, वहीं दूसरी ओर किसी भी विवाद की स्थिति में निष्पक्ष जाँच प्रक्रिया को भी पूर्णतः न्यायोचित ठहराया।
मूलनिवासी संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमरजीत पटेल ने कहा कि एक वरिष्ठ आदिवासी नेता के साथ हो रहा यह व्यवहार अनुचित है और वे इसका पुरजोर विरोध करते हैं। उन्होंने ननकी राम कंवर की मांगों को तत्काल लागू करने की बात कही और इस लड़ाई में उनके साथ खड़े रहने का ऐलान किया।
सरकार का सधा हुआ कदम और जांच का आश्वासन
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार ने भी कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार देर रात ननकी राम कंवर से फोन पर बात कर उन्हें संयम बरतने का आग्रह किया था। सरकार ने कंवर के शिकायती पत्र पर बिलासपुर के संभागायुक्त सुनील जैन से एक विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है। हालांकि, कंवर और उनके समर्थकों का कहना है कि जांच का लिखित आदेश जारी होने में देरी और सरकार के ढुलमुल रवैये के कारण वे असंतुष्ट हैं, जिसके चलते उन्हें आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ा।
यह घटनाक्रम विष्णुदेव साय सरकार के लिए एक बड़ी राजनीतिक चुनौती बन गया है, जहाँ पार्टी के एक अनुभवी और वरिष्ठ आदिवासी नेता अपनी ही सरकार की कार्यप्रणाली से नाराज होकर सड़क पर उतरने को मजबूर हुए हैं। अब देखना यह होगा कि सरकार जांच रिपोर्ट के आधार पर क्या कार्रवाई करती है और ननकी राम कंवर के स्वाभिमान और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों का क्या समाधान निकालती है।
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