कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा जिले के दर्री थाना क्षेत्र में हाल ही में हुई चोरी और लूट की घटनाओं ने स्थानीय निवासियों में भय और चिंता का माहौल बना दिया है। पिछले एक सप्ताह में बढ़ी इन आपराधिक गतिविधियों ने नागरिकों को सतर्क रहने पर मजबूर कर दिया है।
एक के बाद एक कई घटनाएँ
विगत 22 सितंबर की रात को, कॉलेज कार्यक्रम से लौट रही एक छात्रा और जमनीपाली स्थित पेट्रोल पंप के एक कर्मचारी को बदमाशों ने अपना निशाना बनाया। इन घटनाओं में अपराधियों ने मोबाइल, नकदी और मोटरसाइकिलें लूट लीं। पुलिस की त्वरित कार्रवाई के परिणामस्वरूप, इस मामले में कुल आठ आरोपी गिरफ्तार किए गए, जिनमें दो नाबालिग भी शामिल थे।
इससे पहले 28 सितंबर को भी नाबालिगों द्वारा मारपीट और लूट की घटना को अंजाम दिया गया था, जिसमें पुलिस ने 24 घंटे के भीतर आरोपियों को पकड़कर बाल संप्रेषण गृह भेज दिया था। इसके अतिरिक्त, जेलगांव चौक के पास दुकानों में हुई चोरी और 29 सितंबर की रात दो व्यक्तियों के साथ हुई मारपीट और लूट की घटनाओं की भी पुलिस जाँच कर रही है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि इन मामलों के आरोपियों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
22 सितंबर की घटनाओं का विवरण
रात 10:30 बजे: लाटा-बल्गी मार्ग पर बौद्ध विहार के पास, कॉलेज से लौट रही एक छात्रा से मोबाइल छीन लिया गया।
रात 10:50 बजे: सुमेधा से बांकी मोगरा जाने वाले मार्ग पर स्थित पुल पर एक युवक से उसका मोबाइल, नकदी और होंडा शाइन मोटरसाइकिल लूट ली गई।
देर रात 2:00 बजे: जमनीपाली साडा कॉलोनी में स्थित शिवा पेट्रोल पंप पर, पेट्रोल मांगने के बहाने आए बदमाशों ने कर्मचारी पर डंडे से हमला कर ₹2000 लूट लिए।

पुलिस की सराहनीय कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के निर्देशन में एक विशेष टीम का गठन किया गया। दर्री थाना प्रभारी नागेश तिवारी और साइबर सेल प्रभारी अजय सोनवानी के नेतृत्व में इस टीम ने सीसीटीवी फुटेज की जाँच और संदिग्धों से पूछताछ के आधार पर जाँच शुरू की। जाँच के दौरान, प्रगति नगर निवासी और आदतन अपराधी राजा बाबू पोर्ते का नाम मुख्य संदिग्ध के रूप में सामने आया।
पुलिस को जानकारी मिली कि मुख्य आरोपी राजा बाबू अपने साथियों के साथ मध्य प्रदेश में छिपा हुआ है। सूचना के आधार पर पुलिस ने मध्य प्रदेश के डिंडोरी में दबिश देकर मुख्य आरोपी राजा बाबू पोर्ते, संदीप दिवाकर और राहुल यादव को गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही, बांकी मोगरा क्षेत्र से विकास श्रीवास, विष्णु श्रीवास, प्रमोद कुमार केवट और दो नाबालिगों को भी गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। पुलिस ने उनके कब्जे से 3 मोबाइल फोन, 2 चाकू और 4 मोटरसाइकिलें (एक लूटी हुई, एक चोरी की और दो आरोपियों की निजी) बरामद की हैं। सभी वयस्क आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है, जबकि नाबालिगों को बाल संप्रेषण गृह भेजा गया है।
नाबालिग अपराध: एक सामाजिक चुनौती
विशेषज्ञों का मानना है कि नाबालिगों में बढ़ती अपराध प्रवृत्ति के पीछे पारिवारिक निगरानी की कमी, नशा, गलत संगत और सामाजिक असमानता जैसे कई कारण जिम्मेदार हैं। पुलिस के अनुसार, नवरात्र जैसे त्योहारों के दौरान देर रात तक चलने वाले कार्यक्रमों का फायदा उठाकर असामाजिक तत्व सक्रिय हो जाते हैं।
इस संदर्भ में, परिवार और समाज दोनों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। अभिभावकों को अपने बच्चों की गतिविधियों और संगत पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
पुलिस की अपील
कोरबा पुलिस ने सभी दुर्गा समितियों से रात 10:30 बजे तक कार्यक्रम समाप्त करने का अनुरोध किया है। साथ ही, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की अपील की है। पुलिस ने अभिभावकों से आग्रह किया है कि वे किशोर बच्चों पर निगरानी रखें और देर रात तक बाहर रहने पर तुरंत उनकी खोज करें और पुलिस को सूचित करें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तत्काल पुलिस को दी जानी चाहिए।
यह घटना स्पष्ट करती है कि अपराध की रोकथाम केवल पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसमें परिवार, समाज और धार्मिक समितियों की सक्रिय भागीदारी भी आवश्यक है। यदि सभी मिलकर जागरूकता और सहयोग सुनिश्चित करें, तो ऐसे अपराधों को रोका जा सकता है और त्योहारों को सुरक्षित रूप से मनाया जा सकता है।
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