कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा नगर निगम क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 41 निवासी लीलाधर श्रीवास ने भाजपा पार्षद मंगल राम बंदे पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनसे प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) की स्वीकृति दिलाने के नाम पर रकम मांगी गई। श्रीवास ने इस संबंध में कलेक्टर को लिखित शिकायत सौंपी है और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है।
शिकायतकर्ता लीलाधर श्रीवास, जो गरीब तबके से आते हैं, ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत नगर पालिक निगम, कोरबा में आवेदन किया था। उनका आरोप है कि पार्षद मंगल बंदे ने उनसे कहा कि आवास राशि की फाइल जल्दी स्वीकृत करवाने के लिए पहले Rs 10,000 देने होंगे।
श्रीवास के अनुसार, उन्होंने मजबूरी में Rs 5,000 अग्रिम (एडवांस) राशि पार्षद को दे दी। इसके बावजूद आवास स्वीकृत नहीं हुआ। जब उन्होंने मामले की जानकारी मांगी तो पार्षद ने अतिरिक्त Rs 20,000 की मांग की और धमकी दी कि यदि यह रकम नहीं दी गई तो पहले दिया गया एडवांस भी जब्त मान लिया जाएगा।
मामला यहीं नहीं रुका। श्रीवास का आरोप है कि पार्षद के बेटे ने भी उनसे 2 प्रतिशत कमीशन की मांग की और साफ शब्दों में कहा कि यदि पैसा नहीं दिया गया तो उनका आवास, राशन कार्ड और नल-जल कनेक्शन निरस्त कर दिया जाएगा।
इतना ही नहीं, श्रीवास का कहना है कि उनसे गाली-गलौच की गई और उन्हें एस.सी./एस.टी. एक्ट में फंसाने की धमकी भी दी गई।
पीड़ित लीलाधर श्रीवास ने कलेक्टर को लिखित शिकायत पत्र सौंपते हुए मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर उचित कानूनी कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि गरीब तबके के लोग पहले से ही जीवन-यापन की कठिनाइयों से जूझ रहे हैं और इस तरह की वसूली एवं धमकी उनकी परेशानियों को और बढ़ा देती है।
यह मामला केवल एक व्यक्ति की शिकायत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रश्न खड़ा करता है कि गरीबों और जरूरतमंदों के लिए बनाई गई सरकारी योजनाओं का लाभ आखिर किसे मिल रहा है? यदि आरोप सही साबित होते हैं तो यह न केवल भ्रष्टाचार का मामला है बल्कि गरीब वर्ग के संवैधानिक अधिकारों और सामाजिक न्याय पर सीधा प्रहार है।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और क्या वाकई प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उन गरीब परिवारों तक पहुंच पाएगा जिनके लिए यह बनाई गई है।
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