कोरबा (पब्लिक फोरम)। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) जिला कोरबा के जिला सचिव पवन कुमार वर्मा ने छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार पर आम जनता के खिलाफ “चौतरफा हमला” करने का आरोप लगाते हुए कड़ा बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में उपभोक्ताओं को 400 यूनिट तक आधा बिजली बिल देने की सुविधा थी, लेकिन मौजूदा भाजपा सरकार ने इस निर्णय को समाप्त कर अब केवल 100 यूनिट तक ही आधा बिल का प्रावधान रखा है।
वर्मा के अनुसार, हाल ही में प्रति यूनिट बिजली दरों में हुई वृद्धि का सीधा असर आम उपभोक्ताओं, किसानों और जनकल्याणकारी योजनाओं पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा, “प्रदेश की जनता पहले से ही बिजली कटौती से परेशान है, ऐसे में सरकार द्वारा मूल्य वृद्धि किया जाना लोगों को और कठिनाई में डालने जैसा है।”
उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में लिए गए 10443 स्कूलों के युक्तियुक्तकरण (विलय) के फैसले की भी कड़ी आलोचना की। वर्मा ने कहा कि इस निर्णय से ग्रामीण, सुदूरवर्ती और आदिवासी इलाकों में स्कूलों के बंद होने की स्थिति पैदा होगी, जिससे बच्चों की शिक्षा गंभीर रूप से प्रभावित होगी। उन्होंने चेताया कि इससे शिक्षकों पर कार्यभार बढ़ेगा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना कठिन हो जाएगा और ड्रॉपआउट दर में वृद्धि होगी। इसका सबसे ज्यादा असर आदिवासी और पिछड़े समुदाय के बच्चों के भविष्य पर पड़ेगा।
सीपीआई नेता ने यह भी कहा कि इस नीति से न केवल शिक्षित बेरोजगार युवाओं को अवसर से वंचित किया जाएगा, बल्कि रसोइया, सफाईकर्मी और चौकीदार जैसे सहायक कर्मचारियों की भी नौकरी चली जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार पूर्व सरकार की आम जनता हितैषी योजनाओं को खत्म कर शिक्षा और बिजली विभाग का नियंत्रण निजी कंपनियों को सौंपने की तैयारी कर रही है, जिससे कॉर्पोरेट पूंजीपतियों को लाभ होगा।
वर्मा ने मांग की कि राज्य सरकार बिजली दर वृद्धि और स्कूल युक्तियुक्तकरण, दोनों फैसले तुरंत वापस ले। उन्होंने कहा कि पहले से ही महंगाई, बेरोजगारी और आय में कमी के कारण मजदूर, किसान, छोटे व्यापारी और बुद्धिजीवी वर्ग परेशान है, घरों का बजट बिगड़ चुका है और आम लोगों के लिए घर चलाना मुश्किल हो गया है।
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