back to top
सोमवार, अक्टूबर 27, 2025
होमदेशडायन बताकर परिवार की निर्मम हत्या: बिहार में कानून का राज है...

डायन बताकर परिवार की निर्मम हत्या: बिहार में कानून का राज है या अंधविश्वास का? ऐपवा ने सरकार से की कड़ी कार्रवाई की मांग

पटना (पब्लिक फोरम)। अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) ने पूर्णिया में डायन के नाम पर एक पूरे परिवार की निर्मम हत्या की घटना की कड़ी निंदा की है और राज्य सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी ने इस जघन्य हत्याकांड को केवल ग्रामीणों का अंधविश्वास करार देने से इंकार करते हुए इसे सरकार की गंभीर प्रशासनिक विफलता करार दिया है।

पूर्णिया में हुई इस भयावह घटना में, दर्जनों लोगों ने मिलकर एक परिवार को डायन बताकर जिंदा जलाकर मार डाला। मीना तिवारी ने कहा, “यह घटना दर्शाती है कि आज लोगों के मन में कानून का कोई भय नहीं बचा है। वर्ष 1999 से ही बिहार में डायन हत्या को रोकने के लिए कानून मौजूद है, फिर भी अंधविश्वास के कारण महिलाओं की हत्याएं होती रही हैं। लेकिन इस बार जिस तरह से एक साथ कई लोगों ने मिलकर इस जनसंहार को अंजाम दिया, वह बेहद चिंताजनक है।”

मीना तिवारी ने सरकार पर डायन प्रताड़ना निवारण अधिनियम को सख्ती से लागू करने और समाज में व्याप्त अंधविश्वास को खत्म करने की दिशा में आवश्यक प्रयासों की घोर कमी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “आज स्थिति यह है कि सत्ता में बैठे लोग और प्रभावशाली वर्ग समाज में अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहे हैं। कई धार्मिक बाबा लाखों की भीड़ के सामने अंधविश्वास फैलाने वाले प्रवचन देते हैं, और राजनीतिक दल इन बाबाओं का महिमा मंडन करते हैं। ऐसे में, अंधविश्वास विरोधी कानून जमीन पर कैसे लागू होंगे, यह सोचना भी मुश्किल है।”

उन्होंने आगे कहा कि कभी प्रगतिशील सोच रखने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भाजपा के साथ गठबंधन के बाद अब इस संवेदनशील मुद्दे पर मौन साधे हुए हैं। पुलिस और प्रशासनिक अमला भी इस मामले में संवेदनहीन बना हुआ है।

ऐपवा महासचिव ने इस बात पर जोर दिया कि डायन हत्याओं के खिलाफ सामाजिक जागरूकता फैलाने और अंधविश्वास के विरुद्ध अभियान चलाने की तत्काल आवश्यकता है, लेकिन सरकार की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। इसका सीधा खामियाजा गरीब, कमजोर और वंचित वर्ग को भुगतना पड़ रहा है, जो ऐसे उत्पीड़न के शिकार हो रहे हैं।

ऐपवा ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच, सभी अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी और स्थानीय थाना प्रभारी को तत्काल निलंबित करने की मांग की है। संगठन का मानना है कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलेगी और व्यवस्था में सुधार नहीं होगा, तब तक ऐसे जघन्य अपराधों पर रोक लगाना संभव नहीं है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments