शुक्रवार, जुलाई 4, 2025
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बिजली दर वृद्धि, कटौती और स्मार्ट मीटर की खामियों के खिलाफ AAP का छत्तीसगढ़ बिजली मुख्यालय घेराव

बिजली संकट पर फूटा जन आक्रोश, आम आदमी पार्टी ने राज्यभर में किया बिजली कार्यालयों का घेराव

रायपुर (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ में बिजली दरों में बेतहाशा वृद्धि, अघोषित बिजली कटौती और स्मार्ट मीटरों में तकनीकी खामियों को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) ने राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया। राजधानी रायपुर स्थित बिजली मुख्यालय का घेराव करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं ने सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा।

आप के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल साहू ने कहा कि “छत्तीसगढ़ एक बिजली सरप्लस राज्य है, जो देश के कई अन्य राज्यों को बिजली बेचता है। इसके बावजूद राज्य के नागरिक महंगी बिजली और लगातार हो रही कटौती से त्रस्त हैं। भाजपा सरकार आम जनता की समस्याओं को लगातार नज़रअंदाज़ कर रही है।”

मुख्य प्रवक्ता सूरज उपाध्याय ने सरकार के खर्चों पर सवाल उठाते हुए कहा कि चार विद्युत कंपनियां बनाकर अनावश्यक प्रशासनिक खर्च बढ़ाया गया है, जिसका बोझ आम जनता पर डाला जा रहा है। यदि एक ही कंपनी होती, तो शासकीय व्यय में भारी कमी लाई जा सकती थी।

प्रदेश उपाध्यक्ष दुर्गा झा, सह सचिव अनुषा जोसेफ़ और मीडिया प्रभारी मिहिर कुर्मी ने आरोप लगाया कि बिजली बिल में अनावश्यक चार्ज जोड़े जा रहे हैं। हाल में कमर्शियल बिजली दरों में बढ़ोतरी ने व्यापारियों को प्रभावित किया, जिन्होंने इसका भार उपभोक्ताओं पर डाल दिया।

उपाध्यक्ष नंदन सिंह, सह सचिव वीरेंद्र पवार और अल्पसंख्यक प्रदेश अध्यक्ष रिजवान शरीफ ने तेलंगाना को 1000 मेगावाट बिजली देने के MoU का हवाला देते हुए कहा कि “जब राज्य खुद बिजली सरप्लस है, तो दर वृद्धि का कोई औचित्य नहीं। यह महज़ भ्रष्टाचार का संकेत है।”

रायपुर लोकसभा अध्यक्ष अज़ीम खान और उनके सहयोगियों ने राज्य सरकार से दर वृद्धि वापस लेने और 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति की मांग की। उन्होंने कहा कि यह जनहित में आवश्यक है और छत्तीसगढ़ के समग्र विकास की बुनियाद भी।

रायपुर जिलाध्यक्ष पुनारद निषाद और युवा जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सेन ने स्मार्ट मीटरों की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि “इन मीटरों में तकनीकी गड़बड़ियां हैं, जिससे उपभोक्ताओं को ज्यादा बिल थमाए जा रहे हैं। जब तक गुणवत्ता प्रमाणित न हो, तब तक मीटर लगाना बंद किया जाए।”

धरने में प्रमुख रूप से उपस्थित 
सूरज उपाध्याय, दुर्गा झा, अनुषा जोसेफ़, कलावती मार्को, अनुराधा शुक्ला, विजय झा, नंदन सिंह, मिहिर कुर्मी, अज़ीम खान, प्रद्युमन शर्मा, पुनारद निषाद, वीरेंद्र पवार, नरेंद्र ठाकुर, महेंद्र बिसेन, शिव शर्मा, रिजवान शरीफ, श्याम शर्मा, बी.के. देवांगन, मिथलेश साहू, संतोष कुशवाहा, बलवंत सिंह, लक्ष्मण सेन, कमल महान, रघुनाथ यादव, महेश उपाध्याय, नवनीत नंदे, इमरान खान, आर.एस. ठाकुर, विनोद चंद्राकर, राहुल भारती, प्रशांत यादव, सुभाष यादव, राजा गुरुंग सहित कई वरिष्ठ एवं सक्रिय कार्यकर्ता।

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