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छत्तीसगढ़ में 9 जुलाई को चक्का जाम: केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों का हड़ताल का ऐलान, देशव्यापी आंदोलन की तैयारी

“केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ में ट्रेड यूनियनों ने खोला मोर्चा”

भिलाईनगर (पब्लिक फोरम)। केंद्र सरकार की नीतियों को “श्रमिक विरोधी” बताते हुए छत्तीसगढ़ के प्रमुख ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने 9 जुलाई को प्रदेशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। इस हड़ताल का मुख्य उद्देश्य चारों श्रम संहिताओं को रद्द करवाना है, जिन्हें यूनियनों ने मजदूरों को गुलाम बनाने वाला कानून करार दिया है। इस निर्णायक कदम की रणनीति भिलाई में 19 जून को आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में तैयार की गई, जिसकी अध्यक्षता ऐक्टू के राज्य महासचिव बृजेंद्र तिवारी ने की।

बैठक में प्रदेश की प्रमुख यूनियनों के शीर्ष पदाधिकारी शामिल हुए, जिनमें सीटू (CITU) से एम.के. नंदी, इंटक (INTUC) से संजय साहू, और सेंट्रल जोन इंश्योरेंस एम्प्लॉइज एसोसिएशन (CZIEA) से धर्मराज महापात्र जैसे बड़े नाम मौजूद थे। मंच के संयोजक धर्मराज महापात्र के संचालन में हुई इस बैठक में हड़ताल को अभूतपूर्व सफल बनाने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई।

विभिन्न सांगठनिक व्यस्तताओं के कारण इंटक के संजय सिंह, एटक के हरिनाथ सिंह और एचएमएस के एचएस मिश्रा जैसे कुछ प्रमुख नेता बैठक में शामिल नहीं हो सके, लेकिन उन्होंने भी फोन पर हड़ताल के निर्णयों पर अपनी पूर्ण सहमति और समर्थन व्यक्त किया है।

हड़ताल को सफल बनाने की चरणबद्ध रणनीति
संयुक्त मंच ने हड़ताल का संदेश हर मजदूर तक पहुंचाने और आंदोलन को व्यापक बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं:
– 23 जून: प्रदेश भर के सभी औद्योगिक इकाइयों और संस्थानों में प्रबंधन को रैली और प्रदर्शन के साथ हड़ताल का संयुक्त नोटिस दिया जाएगा।
– 30 जून तक: भिलाई, कोरबा, रायगढ़, बिलासपुर और बस्तर जैसे प्रमुख औद्योगिक केंद्रों में संयुक्त कन्वेंशन आयोजित किए जाएंगे। इन सम्मेलनों के समन्वय की जिम्मेदारी वरिष्ठ नेताओं को सौंपी गई है।
– 1 से 7 जुलाई: पूरे प्रदेश में साइकिल, मोटर साइकिल और जीप जत्थों के माध्यम से नुक्कड़ सभाएं, द्वार सभाएं और जनसंपर्क अभियान चलाए जाएंगे ताकि हड़ताल के मुद्दों को जन-जन तक पहुंचाया जा सके।
– 8 जुलाई: हड़ताल की पूर्व संध्या पर सभी प्रमुख स्थानों पर मशाल जुलूस, कैंडल लाइट मार्च और मोटर साइकिल रैलियां निकाली जाएंगी।
– 9 जुलाई: हड़ताल के दिन प्रदेश भर में संयुक्त रैलियां, आमसभाएं और चक्का जाम जैसे प्रभावी प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे।

बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में नेताओं ने विश्वास जताया कि जिस तरह 20 मई के विरोध प्रदर्शन की तैयारी की गई थी, उससे भी अधिक जोश और व्यापकता के साथ कार्यकर्ता इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए जुटेंगे।

रायपुर में 5 या 6 जुलाई को एक संयुक्त पत्रकार वार्ता का भी आयोजन किया जाएगा ताकि मीडिया के माध्यम से हड़ताल का व्यापक प्रचार-प्रसार हो सके। इस देशव्यापी आंदोलन की घोषणा से छत्तीसगढ़ के औद्योगिक जगत में हलचल तेज हो गई है।

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