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शुक्रवार, जून 6, 2025
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छत्तीसगढ़ में पत्रकारों के लिए खुशखबरी: पत्रकार सम्मान निधि राशि बढ़ी, लेकिन अधिमान्यता की शर्त बनी बड़ी बाधा!

रायपुर (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पत्रकार सम्मान निधि की राशि को दोगुना किए जाने के फैसले का भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ (छत्तीसगढ़ इकाई) ने जोरदार स्वागत किया है। संघ ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी की प्रशंसा करते हुए इसे पत्रकारों के हित में ऐतिहासिक निर्णय बताया।

पत्रकारों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला
गुरुवार, 6 मार्च 2025 को संघ के प्रदेश अध्यक्ष गंगेश कुमार द्विवेदी के नेतृत्व में पत्रकारों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी से मिला। उन्होंने बजट में पत्रकारों के लिए किए गए प्रावधानों के प्रति आभार जताया और इस योजना में एक महत्वपूर्ण संशोधन की मांग रखी।

योजना की मौजूदा स्थिति और समस्या
भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ ने कहा कि वर्तमान में यह योजना केवल राज्य सरकार द्वारा अधिमान्य (मान्यता प्राप्त) पत्रकारों के लिए ही लागू है। इससे 99% से अधिक पत्रकार इस लाभ से वंचित रह जाते हैं। प्रदेश में कुल पत्रकारों की तुलना में अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों की संख्या मात्र 1% है, और उनमें से भी कुछ ही इस योजना का पूर्ण लाभ ले पा रहे हैं।

वरिष्ठ पत्रकार बाबूलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि इस समय पूरे छत्तीसगढ़ में केवल 23 वरिष्ठ पत्रकारों को ही इस योजना का लाभ मिल रहा है। अगर अधिमान्यता की अनिवार्यता समाप्त कर दी जाए, तो 250 से 300 वरिष्ठ पत्रकारों को पेंशन की पात्रता मिल सकेगी। यह सरकार के लिए भी व्यावहारिक और आसान निर्णय होगा।

संघ की मांग – अधिमान्यता की अनिवार्यता हटाई जाए!
संघ ने मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में स्पष्ट किया कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में पत्रकारों को समान अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने मांग की कि पत्रकार सम्मान निधि योजना से अधिमान्यता की अनिवार्यता हटाई जाए, जिससे अधिकतम पत्रकार इस योजना का लाभ उठा सकें।

राष्ट्रीय सचिव एवं प्रदेश महासचिव सुखनंदन बंजारे ने कहा कि सरकार ने पेंशन राशि को दोगुना करके पत्रकारों के हित में बड़ा कदम उठाया है। यह मांग संगठन लंबे समय से कर रहा था, जिसे अब जाकर पूरा किया गया है। उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि अधिमान्यता के नियमों को शिथिल कर अधिक से अधिक पत्रकारों को इस योजना के तहत लाया जाए।
इसके अलावा, संघ ने पत्रकारों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने की भी मांग रखी, जिससे उनके चिकित्सा सुरक्षा की गारंटी मिल सके।

वित्त मंत्री का आश्वासन – अधिमान्यता प्रक्रिया होगी सरल
वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि सरकार अधिक से अधिक पत्रकारों को इस योजना का लाभ देने के लिए गंभीरता से विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि अधिमान्यता की प्रक्रिया को सरल किया जाएगा, ताकि वास्तव में पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों को इसका सीधा लाभ मिल सके।

मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के राष्ट्रीय सचिव एवं प्रदेश महासचिव सुखनंदन बंजारे, प्रदेश उपाध्यक्ष कौशल स्वर्णबेर, प्रदेश सचिव दिलीप कुमार साहू, वरिष्ठ पत्रकार बाबूलाल शर्मा, यशवंत धोटे, मोहन तिवारी, वैभव पांडे, धनवेंद्र जायसवाल, गौरव जुल्फिकार, रूपेश गुप्ता, गौरव शुक्ला, कुलेश्वर पांडे, खोमन साहू, गोपी कृष्ण, अद्वैत नायक सहित कई अन्य पत्रकार शामिल थे।

सरकार से उम्मीदें बनीं बरकरार
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पत्रकारों की पेंशन राशि बढ़ाने का निर्णय स्वागत योग्य है, लेकिन अधिमान्यता की बाध्यता हटाए बिना इसका पूरा लाभ सभी पत्रकारों तक पहुंच ही नहीं पाएगा। अब देखना यह होगा कि सरकार इस मांग पर क्या निर्णय लेती है और क्या वास्तव में पत्रकारों के व्यापक कल्याण की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे?

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