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शनिवार, फ़रवरी 22, 2025
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छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनाव के बीच प्रशासकों की नियुक्ति: क्या है पूरा मामला?

रायपुर (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ राज्य में इन दिनों पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन इसी बीच राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए कई पंचायतों में प्रशासकों की नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया है। यह कदम उन पंचायतों के लिए उठाया गया है, जिनका कार्यकाल जल्द ही समाप्त होने वाला है, और चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक इन पंचायतों का प्रबंधन सुचारू रूप से चलाने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के विशेष सचिव तारन प्रकाश सिन्हा ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की है। अधिसूचना के अनुसार, राज्य की कई पंचायतों का कार्यकाल 10 फरवरी से 2 मार्च के बीच समाप्त हो जाएगा। चूंकि इस अवधि में चुनाव प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाएगी, इसलिए इन पंचायतों में प्रशासकों की नियुक्ति की जा रही है। यह कदम पंचायतों के कामकाज को बिना किसी रुकावट के जारी रखने के लिए उठाया गया है।

राज्य में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन कुछ पंचायतों का कार्यकाल जल्द ही समाप्त होने वाला है। ऐसे में, नए चुनाव होने तक इन पंचायतों का प्रबंधन कैसे किया जाए, यह एक बड़ा सवाल था। राज्य सरकार ने इस समस्या का समाधान निकालते हुए प्रशासकों की नियुक्ति का फैसला किया है। यह प्रशासक पंचायतों के दैनिक कार्यों को संभालेंगे और चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक इनका संचालन सुनिश्चित करेंगे।

क्यों जरूरी है यह कदम?
पंचायतें ग्रामीण विकास की रीढ़ होती हैं। इनका कामकाज बिना किसी रुकावट के चलते रहना जरूरी है, खासकर तब जब चुनाव प्रक्रिया चल रही हो। प्रशासकों की नियुक्ति से यह सुनिश्चित होगा कि पंचायतों के कामकाज में कोई व्यवधान न आए और ग्रामीण विकास से जुड़े कार्यक्रम बिना किसी बाधा के जारी रहें।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह कदम समय की मांग है। चुनाव प्रक्रिया के दौरान पंचायतों का कामकाज प्रभावित न हो, इसके लिए प्रशासकों की नियुक्ति एक व्यावहारिक समाधान है। हालांकि, कुछ लोगों का यह भी मानना है कि यह कदम अस्थायी है और चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्वाचित प्रतिनिधियों को ही पंचायतों की जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए।

राज्य सरकार का यह फैसला ग्रामीण विकास और पंचायतों के कामकाज को लेकर उनकी गंभीरता को दर्शाता है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह कदम कितना प्रभावी साबित होता है और चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक पंचायतों का प्रबंधन कैसे संभाला जाता है। ग्रामीणों की उम्मीद है कि प्रशासक पंचायतों के कामकाज को सुचारू रूप से चलाएंगे और ग्रामीण विकास से जुड़े कार्यक्रमों को गति प्रदान करेंगे।

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