रायपुर (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने पंचायत चुनावों में वार्डों के आरक्षण को लेकर एक अहम फैसला लिया है। सरकार ने आरक्षण की अधिकतम सीमा को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए अध्यादेश जारी कर दिया है। यह निर्णय प्रदेश के पंचायत चुनावों में सामाजिक न्याय और समावेशिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
राज्य सरकार द्वारा जारी इस अध्यादेश के तहत पंचायत चुनावों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित वार्डों की संख्या बढ़ाई जाएगी। पहले आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से कम थी, लेकिन नए अध्यादेश के माध्यम से इसे बढ़ाकर अधिकतम 50 प्रतिशत तक कर दिया गया है।
राज्य सरकार ने सामाजिक संतुलन और पंचायतों में हर वर्ग को समान प्रतिनिधित्व देने की मंशा से यह फैसला लिया है। ग्रामीण इलाकों में वंचित समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आरक्षण को बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की गई।
सरकार का यह कदम न केवल सामाजिक न्याय की दिशा में एक सकारात्मक पहल है, बल्कि पंचायत स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में भी एक बड़ी उपलब्धि है।
इस अध्यादेश के लागू होने से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले समाज के कमजोर वर्गों को पंचायत चुनावों में अधिक प्रतिनिधित्व का अवसर मिलेगा। इससे वंचित समुदायों की आवाज़ न केवल पंचायतों में मजबूत होगी, बल्कि उनके हितों को भी प्राथमिकता दी जा सकेगी।




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