शनिवार, नवम्बर 23, 2024
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कोरबा में खुले में मांस विक्रय: स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति प्रशासन की उदासीनता

कोरबा (पब्लिक फोरम)। शहर में खुले में मांस और मछली की बिक्री ने लोगों की स्वास्थ्य और स्वच्छता को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। नियमों की अनदेखी करते हुए सड़क किनारे और ठेलों पर मांस का विक्रय जारी है, जिससे न केवल स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है, बल्कि दुर्गंध और अस्वच्छता की समस्या भी गंभीर होती जा रही है।
शहर के विभिन्न क्षेत्रों में, विशेष रूप से आईटीआई चौक से बालको मार्ग और पीजी कॉलेज रोड जैसे व्यस्त इलाकों में, खुले में मांस-मछली की बिक्री हो रही है। विक्रेता मांस को पुराने बोरे पर रखकर बेचते हैं, न तो उसे ढकने की व्यवस्था होती है और न ही ठंडा रखने के लिए रेफ्रिजरेशन। सड़क किनारे उड़ती धूल मांस पर जम जाती है, जिससे इसे खाने वालों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है।

इतना ही नहीं, इन इलाकों में अस्वच्छता और दुर्गंध की समस्या ने आसपास के निवासियों और राहगीरों का जीवन दूभर कर दिया है। दयानंद पब्लिक स्कूल के पास लगने वाली मछली की दुकानों से स्कूल के बच्चों और उनके अभिभावकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इन दुकानों के निकट ही कोरबा वनमंडल अधिकारी कार्यालय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय और जिला अस्पताल स्थित हैं, लेकिन प्रशासन की निष्क्रियता से ये दुकानें बेखौफ चल रही हैं।

इतवारी बाजार और अन्य क्षेत्रों में खुले में पशु वध और मांस की बिक्री की समस्या वर्षों से बनी हुई है। स्थानीय निवासियों ने समय-समय पर इसका विरोध भी किया है, लेकिन अभी तक दुर्गंध और अस्वच्छता से उन्हें राहत नहीं मिली है। प्रशासन की ओर से कार्रवाई के दावे किए जाते हैं, लेकिन जमीन पर स्थिति जस की तस बनी हुई है।

शहर के बुधवारी बाजार में नॉन-वेज मार्केट और बालको के लालघाट में मछली व्यापारियों के लिए नवनिर्मित मार्केट होने के बावजूद, सड़क किनारे मांस विक्रेताओं की संख्या बढ़ती जा रही है। यह सवाल उठता है कि प्रशासन इन व्यवस्थाओं को प्रभावी बनाने में क्यों विफल हो रहा है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

निगम आयुक्त आशुतोष पांडेय ने कहा, “प्रस्ताव मंगवाकर ऐसे विक्रेताओं को उनके निर्धारित स्थानों पर भेजा जाएगा। इसके साथ ही एक विशेष दस्ता गठित कर नियमित कार्रवाई की जाएगी।” हालांकि, अब देखना यह है कि यह बयान हकीकत में कब तब्दील होता है।
स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के इस युग में, ऐसी समस्याएं प्रशासन की उदासीनता को उजागर करती हैं। कोरबा जैसे तेजी से विकसित होते शहर में, यह आवश्यक है कि मांस और मछली विक्रय के लिए निर्धारित बाजारों का सख्ती से पालन कराया जाए। साथ ही, सड़क किनारे बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।

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