back to top
सोमवार, दिसम्बर 23, 2024
होमआसपास-प्रदेशचक्रधर समारोह में जीवंत हो उठी असम की लोक संस्कृतिबिहू नृत्य की...

चक्रधर समारोह में जीवंत हो उठी असम की लोक संस्कृतिबिहू नृत्य की शानदार प्रस्तुति से रोमांचित हुए दर्शक

रायगढ़ (पब्लिक फोरम)। असम की लोक संस्कृति आज चक्रधर समारोह में जीवंत हो उठी। 16सितंबर की संध्या मेझांकोरी मेघ मोल्लार संस्थान के कलाकारों ने मंच पर असम की इंद्रधनुषी संस्कृति की छटा बिखेरी। दर्शक मंत्रमुग्ध होकर असम की लोक संस्कृतियों का आनंद उठाया।       

गौरतलब है कि मेझांकोरी मेघ मोल्लार ने विभिन्न सांस्कृतिक आयोजनों का सफलतापूर्वक आयोजन किया है, जिससे असम की सामाजिक-जातीय पहलुओं को लोगों के सामने लाया गया है और लोगों को याद दिलाया गया है कि असम केवल आंखों के सामने से अधिक है। मेझांकोरी मेघमोल्लार एक सांस्कृतिक संगठन है, जिसकी स्थापना 2016 में हुई थी। इस संगठन की स्थापना मणाशी दत्ता और सत्याेजीत बोरपट्रागो द्वारा की गई थी, जिसका उद्देश्य असम की लोक संस्कृति के लिए कुछ करने का था। तब से, यह असमिया संस्कृति को बढ़ावा देने और लोकप्रिय बनाने के मिशन में बदल गया है।
     संस्था ने कुशल, जीवंत युवाओं की एक टीम बनाई और विभिन्न आयोजनों में असमिया लोक संस्कृति को विश्व स्तर पर लोकप्रिय बनाने के लिए प्रदर्शन किया। इस संगठन ने कई कलाकारों को प्रशिक्षित किया है, जिन्होंने इस क्षेत्र में नाम और प्रसिद्धि अर्जित की है। मेझांकोरी मेघमोल्लार ने असम में 400 से अधिक स्टेज शो किए हैं। हमने नई पीढ़ी में हमारी लोक संस्कृति को लोकप्रिय बनाने के लिए कई कार्यशालाओं, विशिष्ट सत्रों और अन्य आयोजनों का भी आयोजन किया है।अपनी 19 सदस्यीय टीम के साथ उन्होंने प्रदर्शन किया। हम असमिया लोक संस्कृति, जिसमें सत्रिया नृत्य, बिहू, मिसिंग, राभा, करबी, देवरी आदि शामिल हैं, की प्रस्तुति से लोगों का प्यार पाया।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments