कोरबा (पब्लिक फोरम)। बाल सुधार गृहों की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल उठ गए हैं। सोमवार की सुबह, कोरबा जिले के शासकीय बाल संप्रेक्षण गृह से दो नाबालिग अपचारी बालक फरार हो गए। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब महज एक दिन पहले ही अधिकारियों ने सुरक्षा की जांच की थी।
घटना का विवरण
– दोनों बालक कटघोरा और पाली थाना क्षेत्र में हुए अनाचार के मामले में पकड़े गए थे।
– रात में भोजन के बाद सभी दरवाजे बंद कर दिए गए थे।
– सुबह, शौच के बहाने बालक पीछे के हिस्से में पहुंचे और शौचालय की दीवार से कूदकर भाग गए।
– सुरक्षाकर्मी संतोष केवट के राउंड के तुरंत बाद यह घटना हुई।
चिंताजनक तथ्य
1. यह पहली बार नहीं है जब ऐसी घटना हुई है। पूर्व में भी कई बालक फरार हो चुके हैं।
2. पिछली घटनाओं के फरार बालक अभी तक पकड़े नहीं जा सके हैं।
3. रविवार रात को ही महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी रेणु प्रकाश ने निरीक्षण किया था और सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए थे।
विशेषज्ञ की राय
बाल अधिकार कार्यकर्ता रमेश शर्मा कहते हैं, “यह घटना बताती है कि हमारी सुधार प्रणाली में कहीं न कहीं कमी है। हमें न केवल सुरक्षा बढ़ानी होगी, बल्कि बच्चों के मनोविज्ञान को समझते हुए उन्हें बेहतर मार्गदर्शन देना होगा।”
आगे की कार्रवाई
– बालकों के परिजनों को सूचित कर दिया गया है।
– पुलिस ने तलाश अभियान शुरू कर दिया है।
– जिला प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा का आदेश दिया है।
यह घटना बाल सुधार गृहों की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। क्या हमारी सुरक्षा व्यवस्था पर्याप्त है? क्या हम वास्तव में इन बच्चों को सही दिशा दे पा रहे हैं? ये ऐसे प्रश्न हैं जिन पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
सुधार गृह से पलायन: बाल अपराधियों की सुरक्षा पर सवाल?
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