रायपुर (पब्लिक फोरम)। राज्य के राजस्व विभाग में चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल गुरुवार को समाप्त हो गई। यह घोषणा राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा के निवास कार्यालय में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद की गई। बैठक में राजस्व पटवारी संघ के अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों ने भाग लिया।
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा और सचिव अविनाश चंपावत ने पटवारियों की समस्त मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस सौहार्दपूर्ण वार्ता के परिणामस्वरूप, पटवारी संघ ने अपनी हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया।
पटवारियों की प्रमुख मांगें
1. सरकारी कार्यालयों में आधुनिक उपकरण: कंप्यूटर, इंटरनेट और प्रिंटर की उपलब्धता।
2. नेट भत्ता और अन्य आवश्यक संसाधनों का प्रावधान।
3. ऑनलाइन नक्शा और बंटवारे में संशोधन का अधिकार सीधे पटवारी को।
4. जिला स्तर पर सहायक प्रोग्रामरों की नियुक्ति।
5. भूमि लेन-देन के रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ ‘भुइयां पोर्टल’ पर तत्काल अपडेशन की व्यवस्था।
6. किसानों के कर्ज चुकाने पर ‘भुइयां पोर्टल’ से बंधक का स्वचालित निष्कासन।
गौरतलब है कि राजस्व पटवारी संघ ने अपनी 32 सूत्रीय मांगों को लेकर 8 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की थी। इस हड़ताल के समाप्त होने से राज्य भर में आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र सहित विभिन्न राजस्व संबंधी कार्य पुनः प्रारंभ हो जाएंगे।
यह समझौता छत्तीसगढ़ के नागरिकों और प्रशासन दोनों के लिए राहत की खबर है। इससे न केवल लंबित राजस्व कार्य पटरी पर लौटेंगे, बल्कि पटवारियों की कार्य दशाओं में भी सुधार की उम्मीद है। राज्य सरकार द्वारा दी गई प्रतिबद्धता से यह स्पष्ट होता है कि वह राजस्व विभाग के आधुनिकीकरण और कार्यकुशलता बढ़ाने के प्रति गंभीर है।
अब देखना यह होगा कि सरकार पटवारियों की मांगों को कितनी जल्दी और प्रभावी ढंग से लागू करती है। इस समझौते से न केवल प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी, बल्कि आम जनता को भी राहत मिलेगी, जो पिछले कुछ दिनों से विभिन्न राजस्व संबंधी सेवाओं के लिए परेशान थी।
छत्तीसगढ़ में पटवारियों की हड़ताल समाप्त: राजस्व कार्य फिर से शुरू
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