शुक्रवार, नवम्बर 22, 2024
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क्या आदिवासी छात्रों के लिए रायपुर सुरक्षित नहीं रहा? मंगल मुरिया हत्याकांड; न्याय की आस और सुरक्षा का संकट!

रायपुर (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। बस्तर से उच्च शिक्षा के लिए आए 21 वर्षीय आदिवासी युवक मंगल मुरिया की दो व्यक्तियों द्वारा कथित तौर पर बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। यह घटना राज्य में कानून व्यवस्था और आदिवासी समुदाय की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक वयस्क सावन डोंगरे और एक नाबालिग को गिरफ्तार किया है। घटना का विवरण चौंकाने वाला है। 24 जून की रात, आरोपी मोटरसाइकिल पर शहर में घूम रहे थे जब मुरिया ने उनसे लिफ्ट मांगी। इस दौरान उनके बीच विवाद हुआ, जिसके बाद आरोपी मुरिया को एक सुनसान स्थान पर ले गए और उस पर जानलेवा हमला किया।

आरोपियों ने न केवल मुरिया की बेरहमी से पिटाई की, बल्कि उसके व्यक्तिगत सामान जैसे एटीएम कार्ड, पासबुक, पैन कार्ड और मोबाइल फोन भी छीन लिए। जब मुरिया ने एटीएम का पिन बताने से इनकार किया, तो उस पर और अधिक अत्याचार किया गया। पुलिस गश्त के कारण आरोपी भाग गए, लेकिन गंभीर रूप से घायल मुरिया को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां अगले दिन उसकी मृत्यु हो गई।
यह घटना राज्य की राजनीति में भी गरमाहट पैदा कर दी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा, “यह अत्यंत दुखद है कि एक आदिवासी मुख्यमंत्री के शासन में भी आदिवासी समुदाय सुरक्षित नहीं है। क्या यही है कानून का राज, जहां मार्ग पूछने पर एक विद्यार्थी की जान ले ली जाती है?”

भाजपा ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि सरकार इस मामले में कठोर कार्रवाई करेगी और किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा। भाजपा प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने कांग्रेस पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया।

यह घटना समाज में गहरी चिंता का विषय है। यह न केवल कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाती है, बल्कि शहरों में आदिवासी छात्रों की सुरक्षा और समानता के मुद्दों को भी रेखांकित करती है। समाज के सभी वर्गों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे इस तरह की घटनाओं की निंदा करें और सामाजिक सद्भाव बनाए रखने में सहयोग करें।
अंत में, यह घटना हमें याद दिलाती है कि शिक्षा और उन्नति के लिए अपने घर से दूर जाने वाले युवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना समाज और सरकार दोनों की जिम्मेदारी है। आशा है कि न्याय प्रक्रिया तेजी से चलेगी और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

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