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गुरूवार, फ़रवरी 6, 2025
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आईटी कोरबा महाविद्यालय: वित्तीय संकट से जूझ रहा, सीआईटी दर्जा पाने की मांग; प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

रायपुर (पब्लिक फोरम)। आईटी कोरबा महाविद्यालय, जिले का एकमात्र तकनीकी शिक्षण संस्थान, वित्तीय संकट से जूझ रहा है। महाविद्यालय के स्टाफ को कई महीनों से मानदेय नहीं मिला है, जिससे उनके परिवारों में आर्थिक तंगी की स्थिति पैदा हो गई है। इस गंभीर स्थिति से अवगत कराने के लिए, महाविद्यालय के प्रतिनिधि मंडल ने 20 जून को उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को ज्ञापन सौंपे।
उद्योग मंत्री देवांगन ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि 2008 में स्थापित यह महाविद्यालय औद्योगिक संस्थानों के सहयोग से संचालित होता है। उन्होंने यह भी बताया कि महाविद्यालय की वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण स्टाफ को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है।
मंत्री श्री देवांगन ने आगे कहा कि इस संकट का मुख्य कारण निजी उद्योग संस्थानों, बालको और लैंको (अडानी) द्वारा क्रमशः 7.30 करोड़ और 3.00 करोड़ की बकाया राशि का भुगतान न करना है।
मुख्यमंत्री साय ने महाविद्यालयीन प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया कि वे इस गंभीर मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई करेंगे और महाविद्यालय के हित में उचित कदम उठाए जाएंगे।
महाविद्यालय के प्रतिनिधि मंडल में एन.के. त्रिपाठी, प्रणय राही, पंकज स्वर्णकार और लालिमा जायसवाल शामिल थे।

उल्लेखनीय है कि आईटी कोरबा महाविद्यालय को सीआईटी (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन टेक्नोलॉजी) का दर्जा दिलाने की मांग भी की गई है। यह दर्जा प्राप्त होने से महाविद्यालय को बेहतर वित्तीय सहायता और शैक्षणिक विकास के अवसर प्राप्त होंगे।
यह मुद्दा न केवल महाविद्यालय के स्टाफ और छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि पूरे कोरबा जिले के लिए भी है। आईटी कोरबा महाविद्यालय जिले का एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक संस्थान है और इसका वित्तीय संकट पूरे क्षेत्र के शिक्षा स्तर को प्रभावित कर सकता है।
यह आशा की जाती है कि मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा किए गए वादे के अनुसार, इस गंभीर मुद्दे का शीघ्र समाधान होगा और आईटी कोरबा महाविद्यालय को वित्तीय संकट से मुक्ति मिलेगी।

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