रायगढ़/खरसिया (पब्लिक फोरम)। बुधवार की शाम उस वक्त हर देखने वाले की आंखें नम हो गईं जब पूरा अटल आवास मालती सिदार को श्रद्धांजलि देने हाथों में कैंडल लिए स्टेशन चौक पर उमड़ आया। लाचार बेबस बूढ़ी माँ के मन की पीड़ा मोमबत्ती के टिमटिमाती रोशनी में भी साफ दिखाई दे रही थी। भिक्षा मांग कर अपना गुजर-बसर करने वाली बूढ़ी माँ की आंखें इसलिए अविरल बह रही थीं कि उसने अपने बुढ़ापे का एकमात्र सहारा भी खो दिया।
इस व्यथा को शब्दों के माध्यम से कह पाना बहुत कठिन है, कैसे बयां करें कि अब बूढ़ी माँ का एक-एक पल एक-एक युग के समान बीत रहा है। माँ के हृदय पे पड़ा वज्रपात को कैसे सह पा रही है वह तो माँ ही जाने।
सही मायने में तो अब इंन्हें मदद की जरूरत है, सामाजिक संस्थाओं को चाहिए कि इस अबला की परिस्थितियों को देखते हुए सच्ची समाज सेवा करते हुए इनकी मदद के लिए आगे आएं।
उल्लेखनीय होगा कि सोमवार को खरसिया के अटल आवास में निवासरत माँ-बेटी के साथ बात-बात इतनी बढ़ी कि एक अनहोनी में तब्दील हो गई। लात घूसों की मार से माँ की लाडली बेटी मालती चल बसी।
मंगलवार को खरसिया पुलिस ने अपने कर्तव्यों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी और मालती को पीट-पीटकर मार डालने वाले दोनों दोषी युवकों को कानून के शिकंजे में जकड़ लिया। वहीं बुधवार की शाम अटल आवास में निवास करने वाले महिला पुरुषों सहित छोटे-छोटे बच्चों ने दिवंगत मालती को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कैंडल मार्च निकाला, जो कि स्टेशन चौक तक पहुंचा। वहीं पूरे अटल आवास के रहवासियों ने पुलिस प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए पुलिस प्रशासन जिंदाबाद के गगनभेदी नारे भी लगाए।
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