गुरूवार, सितम्बर 19, 2024
होमआसपास-प्रदेशट्रेड यूनियनों का संयुक्त मंच के द्वारा देशव्यापी महापड़ाव धरना रायपुर में...

ट्रेड यूनियनों का संयुक्त मंच के द्वारा देशव्यापी महापड़ाव धरना रायपुर में संपन्न

रायपुर (पब्लिक फोरम)। देश के प्रमुख मजदूरों व किसान संगठनों के आव्हान पर आज देश भर में 09 अगस्त को प्रदेश की राजधानियों व प्रमुख औद्योगिक केंद्रों में महापड़ाव आयोजित कर केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों, संविधान व लोकतंत्र पर जारी हमलों तथा बढती साम्प्रदायिकता के खिलाफ पुरजोर विरोध व्यक्त किया गया। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच के बैनर तले आयोजित इस महापड़ाव में प्रदेशभर से आए हजारों मजदूरों व किसानों ने बूढातालाब धरना स्थल में पुरजोर प्रदर्शन कर सभा ली। भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ एवं विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजित इस महती सभा में मणिपुर सहित देश भर में आदिवासी समुदाय एवं महिलाओं पर जारी हिंसा की घटनाओं को शर्मनाक निरूपित करते हुए मणिपुर मे तुरंत शांति बहाल करने की मांग की गई। महापड़ाव के दौरान ‘इप्टा’ के कलाकारों ने जनगीत प्रस्तुत किए।

ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच के संयोजक धर्मराज महापात्र ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी है कि केंद्र की मोदी सरकार की मजदूर, किसान एवं जनविरोधी नीतियों का जोरदार विरोध करते हुए केंद्रीय ट्रेड यूनियन इंटक, एच एम एस, एटक, सीटू, एक्टू, बैंक, बीमा, केंद्र, राज्य, बी एस एन एल, रक्षा, कोयला, इस्पात, ऊर्जा कर्मचारियों, श्रमिको के साथ ही असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों द्वारा आज 09 अगस्त के ऐतिहासिक दिवस जिस दिन अंग्रेजों भारत छोड़ो के नारे के साथ देश की आजादी के आंदोलन में एक ऐतिहासिक संघर्ष की 1942 में शुरुआत हुई थी, उस दिन देशभर की राजधानियों में मंहगाई रोकने, निजीकरण की नीति बंद करने, 26000 रुपए न्यूनतम वेतन, श्रमिक विरोधी श्रम संहिता वापस लेने, सभी योजना कर्मियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, किसानों के उपज की खरीदी की गारंटी के कानून बनाने सहित 14 सूत्रीय मांगों को लेकर देशभर में जनता बचाओ, देश बचाओ नारे के साथ राज्यों की राजधानियों में सफल महापड़ाव का आयोजन किया गया। रायपुर में संपन्न इस विरोध कार्यवाही को सीटू की ओर से धर्मराज महापात्र, एम के नंदी, एस एन बैनर्जी, एटक से सी आर बख्शी, आर डी सी पी राव, हरीनाथ सिंग, राजेश संधु, लिंगराज नायक, दीपेश मिश्रा, कमलजीत सिंग मान, रामखिलावन राठौर, इंटक से राम अवतार अलगमकर, आशीष यादव, वंश बहादुर सिंह, आशीष दुबे, अभय सिंह, ए के सिंह, जे के राठौर ऐक्टू से बृजेन्द्र तिवारी, अशोक मिरी, नरोत्तम शर्मा, बी एस एन एल से एस सी भट्टाचार्य, बैंक कर्मी नेता शिरिष नलगुंदवार, बीमा कर्मी नेता सुरेंद्र शर्मा, चंद्रशेखर तिवारी सहित अनेक नेताओं ने संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जारी अंधाधुंध निजीकरण व उदारीकरण की नीतियों ने देश को चौतरफा बदहाली के रास्ते मे धकेल दिया है।

इसके चलते भारत के 10 फीसदी शीर्ष लोगों के हाथों मे राष्ट्रीय संपत्ति का 72 फीसद हिस्सा पहुँच गया है जबकि नीचे के 50 प्रतिशत लोगों के हाथों मे मात्र 03 प्रतिशत हिस्सा ही रह गया है। देश में अरबपतियों की संख्या 100 से बढ़कर 166 हो गई है और केवल 21 अरबपतियों के पास देश की 70 फीसदी आबादी के बराबर की संपत्ति जमा है। बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी ने आम आदमी का जीना मुश्किल कर दिया है। उपर से जी.एस.टी की दरों ने स्थिति को और भयावह बना दिया है। देश के प्रमुख सरकारी व सार्वजनिक उद्योगों का अंधाधुंध निजीकरण जारी है। देश भर के लाखों योजना कर्मियों को सरकारी कर्मचारी मानने से इंकार किए जाने के कारण उनको न्यूनतम वेतन से वंचित होना पड़ रहा है। किसानों के लम्बे संघर्ष के बाद कृषि कानून वापस जरूर ले लिया गया है किंतु फसलों को समर्थन मूल्य पर खरीदी की मांग अब भी अधूरी है। केन्द्र सरकार सी.बी.आई, ई.डी जैसी सस्थाओं का इस्तेमाल अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ कर रही है, साथ ही जनहित के मुद्दों पर जारी आंदोलनों को देशद्रोह की संज्ञा देकर विरोध की हर आवाज को कुचला जा रहा है।

वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की इन नीतियों के खिलाफ देश की मेहनतकश जनता अब निर्णायक रूप से आंदोलन के रास्ते पर है और आज का महापड़ाव आम जनता के इसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है। वक्ताओं ने एक स्वर में मणिपुर में शांति बहाली की मांग करते हुए नफरत की राजनीति की भाजपा नीतियों की जमकर आलोचना की और केन्द्र सरकार की जन विरोधी, साम्प्रदायिक, लोकतंत्र विरोधी नीतियों के खिलाफ देश बचाने के संकल्प के साथ महापड़ाव धरना कार्यक्रम समाप्त हुआ।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments