रायपुर (पब्लिक फोरम)। ईसाई आदिवासी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नारायणपुर और कोंडागांव जिलों में हिंसा, प्रताड़ना व सामाजिक बहिष्कार की 60 से भी ज्यादा घटनाएँ विगत 2 माह मे घटित हुयी हैं, जिनमे 2,000 से अधिक लोग अपने गांवो से विस्थापित कर दिये गए हैं। इनमे बच्चे, गर्भवती महिलाये और वृद्धजन सम्मिलित हैं।
पीड़ित ग्रामीणों को विधिक सहायता उपलब्ध कराने हेतु प्रोग्रेसिव क्रिश्चियन अलाएन्स – छत्तीसगढ़ की ओर से भूपेंद्र खोरा और सलीम हक्कू के समन्वय में, पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीस (पीयूसीएल) छत्तीसगढ़ की पहल पर अधिवक्ताओं की एक टीम दिनांक 21 से 23 दिसंबर को घटना स्थल का दौरा कर वापिस लौट चुकी है।
इस टीम मे छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर मे कार्यरत पीयूसीएल छत्तीसगढ़ के साथी अधिवक्ता किशोर नारायण, अधिवक्ता आशीष बेक तथा अधिवक्ता डिग्री प्रसाद चौहान के अतिरिक्त 2 अन्य अधिवक्ता साथियों सहित कुल 5 अधिवक्ताओं की टीम घटना स्थल में पीड़ितों से मिली।
पीड़ितों के कहे अनुसार और बताए गए तथ्यों के आधार पर 27 पीड़ितों की ओर से हिंसा प्रभावित क्षेत्र में पीड़ितों की सुरक्षा और शांति बहाली करने, सरकारी मशीनरी की जबाबदेही सुनिश्चित करने तथा शीघ्र सुनवाई के दरख्वास्त के साथ *छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर में 6 याचिकाये पेश कर दी गयी है।
ईसाई आदिवासी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नारायणपुर और कोंडागांव जिलों में घटित घटनाओं पर उच्च न्यायालय बिलासपुर में दायर की गई 06 याचिकायें
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