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गुरूवार, दिसम्बर 26, 2024
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प्रगतिशील किसान के घर पहुंची कलेक्टर: आत्मनिर्भर बनते देख जताई खुशी


” सीपत के किसान वीर सिंह ने मछली पालन से आय कमाकर कर्जा चुकाया, बाईक खरीदी अब मुर्गी पालन करके बढ़ा रहा है अपना व्यवसाय “


कोरबा//कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने आज पोड़ी-उपरोड़ा विकासखण्ड के सीपत गांव में रहने वाले किसान वीर सिंह के घर पहुंचकर उनके द्वारा किए जा रहे आर्थिक गतिविधियों का जायजा लिया। कलेक्टर श्रीमती साहू ने किसान के द्वारा मछली पालन के लिए उपयोग कर रहे तालाब तक जाकर मछली पालन की विधि और मछली बेचने से हुए लाभ के बारे में जानकारी ली। कलेक्टर ने वीर सिंह से जीविकोपार्जन और आत्मनिर्भरता के लिए किए जा रहे गतिविधियों के बारे में भी पूछा।

वीर सिंह ने बताया कि वह चार साल से मछली पालन का काम कर रहा है। अपने तालाब में रोहू, कतला आदि सात प्रकार की मछलियों का पालन करके अपनी आय को बढ़ा रहा है। उन्होंने अपनी आय को बढ़ाने के लिए पिछले एक साल से मुर्गी पालन भी शुरू किया है। वीर सिंह ने कलेक्टर को बताया कि मछली पालन और मुर्गी पालन का व्यवसाय करके सालाना दो से तीन लाख का आय कमा रहे हैं।

कलेक्टर श्रीमती साहू ने वीर सिंह को खुद का व्यवसाय करके आत्मनिर्भर बनते देख खुशी जताई और कहा कि वीर सिंह द्वारा किए जा रहे व्यवसाय सभी किसानों के लिए प्रेरणा दायक है। इस दौरान एसडीएम पोड़ी-उपरोड़ा श्री संजय मरकाम, तहसीलदार सोनित मेरिया सहित कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
राज्य शासन के मछली पालन विभाग की सरकारी योजनाओं और तकनीकी सलाह से वीर सिंह ने मछलियों की खेती शुरू किया था। मछली पालन के व्यवसाय से मिले पैसों से उन्होंने अपने पुराने कर्जे को चुकाया फिर नई बाइक खरीदी। वीर सिंह ने अपनी बेटियों को डोंगातराई के डीएव्ही स्कूल में दाखिल कराया और अब मछली पालन के व्यवसाय को आगे बढ़ाकर मुर्गी पालन का भी व्यवसाय शुरू कर दिया है।

वीर सिंह बताते हैं कि उनके पास अपने पुर्खों का 0.4 हेक्टेयर पुश्तैनी तालाब था जिस पर वे मछली पालन किया करते थे। इसके साथ ही सात एकड़ की जमीन थी जिस पर मानसून आधारित खेती भी होती थी। उत्पादन कम होने से आर्थिक तंगी थी। दो बेटों और दो बेटियों के परिवार की जरूरतें पूरी करने कई बार कर्जा लेना पड़ता था। ऐसे में मछली पालन विभाग के अधिकारियों से सलाह के बाद शासकीय अनुदान पर 0.5 हेक्टेयर का तालाब और तीन पोखर बनाकर वीर सिंह मछली पालन से जुड़ गये। विभागीय अधिकारियों ने तकनीकी सलाह दी और मछली पालन तथा मछली बीज उत्पादन से वीर सिंह का व्यवसाय चल निकला।

वीर सिंह ने मुर्गी-चुजे से मछली पालन के साथ-साथ कुक्कुट पालन का व्यवसाय भी शुरू कर दिया है। पोल्ट्री और बतख पालन को भी मछली पालन से जोड़कर प्रति हेक्टेयर मछली उत्पादन को और अधिक बढ़ाने की योजना है। वीर सिंह अपने तालाबों में मछली पालन विभाग द्वारा मिली मेजर काॅर्प, काॅमन काॅर्प, ग्रास काॅर्प, पंगेशियस, मांगुर आदि मछलियों के बीज संवर्धन का काम कर रहे हैं।

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