पेट्रोल और डीजल की कीमत भले ही प्रति लीटर 105 रूपये और 94 रूपये हो लेकिन विमान का इंधन की कीमत प्रति लीटर सिर्फ 79 रूपये है। अर्थात विमान के इंधन से 33 % ज्यादा कीमत पेट्रोल और डीजल की कीमत है।
मोदी सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों पर अतिरिक्त शुल्क से पिछले वर्ष 3.69 लाख करोड़ रूपये जनता के जेब से वसूली किया है। वर्तमान में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों का 70 % ही शुल्क के रूप में वसूला जाता हैं। इन शुल्कों को समाप्त कर आम जनता को राहत दिया जा सकता है लेकिन सरकार उस कदम पर चलने को तैयार नहीं है।
कार्पोरेट घरानों को करों में छूट देकर उस राशि की भरपाई पेट्रोलियम पदार्थों पर शुल्क लगाकर जनता से वसूली कर रही है।
नये तीन कृषि कानून का असर महंगाई के रूप में सामने आ रहा है। नये कृषि कानून के तहत मोदी सरकार ने आवश्यक वस्तुओं की भण्डारण करने की सीमा को समाप्त कर दिया है।
सरकार ने चावल, दाल, ऑटा, तेल, आलू,प्यांज जैसी जरूरत मंद सामानों को बडे-बडे व्यापारियों को उनके गोदामों में भण्डारण करने की सभी पाबंदी को खत्म कर खुली छूट दे दिया है।
मोदी सरकार ने कालाबाजारी, मुनाफाखोरी को कानूनी वैधता प्रदान किया है। अब महंगाई पर सरकार अंकुश नहीं लगा सकती है, वस्तुओं की कीमत बेतहाशा बृद्धि होगी। बढ़ती महंगाई इसका ज्वलंत उदाहरण है ।
गरीब आम जनता को राहत देने के बदले मोदी सरकार व्यापारियों की मुनाफे को और अधिक सुनिश्चित करने की दिशा में नीतियां बना रही है।
पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में भारी बृद्धि से जनता महंगाई की दोहरी मार झेलने को विवश है। (आलेख : सुखरंजन नंदी)
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