अपने ही के कर्मचारियों के साथ बार-बार तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा
भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड से रिटायर हुए कर्मचारी जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी भर पूरे मन से एवं निष्ठा के साथ जिस संयंत्र को अपना पूरा जीवन सौंप दिया उसी संयंत्र के प्रबंधन ने आज उन्हें दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर कर दिया है।
लगभग 150 ऐसे कर्मचारी है जिनकी मेडिकल फैसिलिटी प्रबंधन ने पिछले 4 वर्षों से बंद कर रखा है जिसके कारण से वे अपना इलाज तक नहीं करवा पा रहे हैं ।
और उनमें से कुछ तो घातक बीमारियों से ग्रसित भी हैं
परंतु प्रबंधन तो ऐसे अपने कानों में तेल डाले बैठी है जैसे उन्हें कुछ सुनाई ही नहीं देता और ना ही कुछ दिखाई देता है।
और ऊपर से यह कोरोना महामारी जिसकी वजह से और वे अत्यंत परेशान हैं कहीं किसी हॉस्पिटल में उनका ट्रीटमेंट पैसों की अभाव में नहीं हो पा रहा तो ऐसे में वे जाए तो जाए कहां इसलिए प्रबंधन को यह चाहिए की तत्काल उन सभी का मेडिकल फैसिलिटी चालू करे एवं पीड़ितों को राहत दे।
यही प्रबंधन एक तरफ तो बड़ी-बड़ी बातें करती हैं कि हमने नगर विकास के लिए वार्ड के विकास के लिए गांव के विकास के लिए बड़े-बड़े कार्य किए हैं परंतु यही प्रबंधन एक तरफ खुद के कर्मचारियों के साथ जब ऐसा करती है तो इससे क्या समझ में आता है कि वाकई में प्रबंधन ने गांव के लिए और वार्ड के लिए कुछ किया है या सिर्फ वह जुमला है।
एवं सभी कर्मचारियों से मैं आग्रह करता हूं जो कि अभी संयंत्र में अपनी सेवाएं दे रहे हैं वह भी प्रबंधन के इस रवैए का विरोध करें ताकि कल को ऐसा ना हो कि प्रबंधन आपके साथ भी ऐसा करें।
जिन रिटायर्ड कर्मचारियों ने इस संयंत्र को जीरो से लेकर इस मुकाम तक पहुंचाया प्रबंधन जब उनके साथ इस तरह का रवैया अपनाने को बाज नहीं आ रही तो क्या कल जब आप की बारी आएगी तो क्या वह ऐसा करने से कतराएगी? बिल्कुल नहीं।
बालको नगर निवासी शहज़ाद अहमद खान ने समस्त बालको कर्मियों से प्रबंधन की इस रवैया का विरोध करने एवं उन बुजुर्ग रिटायर्ड कर्मचारियों की मेडिकल फैसिलिटी चालू करवाने में मदद करने के लिए अपील किया है।
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