कोरबा (पब्लिक फोरम)। एसईसीएल गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय के सामने एसईसीएल में अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल शुरू हो गया है। चन्द्रिका बाई, प्रशांत झा,जवाहर सिंह कंवर, शिवरतन सिंह कंवर बैठे भूख हड़ताल में। साथ मे सैकड़ों किसान सभा के कार्यकर्ता उपस्थित है।
छत्तीसगढ़ किसान सभा ने आरोप लगाया है कि पूरे एसईसीएल में अनुकंपा नियुक्ति के लगभग 400 प्रकरण लंबित है और उन्हें नौकरी देने में जानबूझकर देरी की जा रही है। पीड़ितों में अधिकांश आदिवासी और महिलाएं हैं।
इसी तरह के एक प्रकरण में चंद्रिका बाई कंवर नाम की एक आदिवासी महिला दो साल से अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग लेकर दो साल से चक्कर काट रही है, जिनकी कृषि भूमि गेवरा खदान विस्तार में अधिग्रहित होने के बाद उनके पति बेचू सिंह को नौकरी दी गई थी। ग्राम अमगांव, हरदीबाजार निवासी इस आदिवासी महिला के पति की दो वर्ष पूर्व सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई है। उसके बाद से यह महिला अनुकंपा नियुक्ति के लिए भटक रही है, जबकि नियमानुसार उसने सभी आवश्यक दस्तावेज अपने आवेदन के साथ एसईसीएल में जमा कर चुकी हैं।
महिला ने 21 मार्च से अपने छोटे-छोटे बच्चों और परिवार के साथ गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय के सामने अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठने की घोषणा की थी लेकिन एसईसीएल प्रबंधन ने कोई ध्यान नहीं दिया। इसकी सूचना जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी दे दी गई थी।
आज किसान सभा नेताओं के साथ पीड़ित परिवार ने अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल शुरू कर दिया है। किसान सभा नेताओं ने अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों से पीड़ित सभी लोगों को इस हड़ताल में शामिल होने की अपील की है, ताकि सभी प्रकरणों को एक साथ उठाया जा सके।
भूख हड़ताल के समर्थन में माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर के साथ बड़ी संख्या में किसान सभा के कार्यकर्ता उपस्थित हैं। जिसमें प्रमुख रूप से दीपक साहू, दामोदर, जय कौशिक, रेशम, नंदलाल, दिलहरण बिंझवार, सत्रुहन दास, बसंत, उमेश,मोहपाल, बृजपाल, संजय, पुरषोत्तम, विशंभर, देव कुंवर, गणेश कुंवर, यशोदा, रुशा उपस्थित थे।
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