यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में हुई बैठक तनाव, आरोप-प्रत्यारोप और रणनीतिक असहमति का दंश झेलते हुए समय से पहले ही समाप्त हो गई। यह टकराव न केवल दोनों नेताओं के बीच बढ़ते मतभेदों का प्रतीक है, बल्कि यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिकी राजनीति में गहराते विभाजन को भी उजागर करता है। बैठक से ठीक पहले, रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने ज़ेलेंस्की को सलाह दी: “सुरक्षा समझौतों की बहस में न फंसें।” (स्रोत: द न्यू यॉर्क टाइम्स)। लेकिन चेतावनी बेअसर रही। जैसे ही ज़ेलेंस्की ने यूक्रेन को अमेरिकी सैन्य सहायता बढ़ाने की मांग रखी, ट्रंप और उनके सहयोगी जेडी वेंस ने यूक्रेनी नेता पर “कृतघ्नता” और “अमेरिकी हितों की अनदेखी” का आरोप लगा दिया।
“तैयार होकर आए हो?” – ट्रंप का व्यंग्य और ज़ेलेंस्की का जवाब
बैठक की शुरुआत ही ट्रंप के व्यंग्य से हुई। ज़ेलेंस्की के सैन्य-स्टाइल के परिधान पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, “अरे देखो, तुम पूरी तरह तैयार हो!” लेकिन माहौल तब और गरमा गया जब ट्रंप ने यूक्रेन से रूस को “रियायतें देने” का दबाव बनाया। जवाब में ज़ेलेंस्की ने 2022 से पहले की कूटनीतिक विफलताओं का ज़िक्र करते हुए वेंस से पूछा, “किस तरह की कूटनीति, जेडी?”
“तीसरा विश्वयुद्ध” की चेतावनी और बैठक का अचानक अंत
टकराव चरम पर पहुंचा जब ट्रंप ने ज़ेलेंस्की को चेतावनी दी: “तुम तीसरे विश्वयुद्ध के साथ जुआ खेल रहे हो!” यूक्रेनी नेता ने जवाब में रूसी खतरे को अमेरिका से जोड़ते हुए कहा, “आपके पास अच्छा समुद्र है और आप अभी महसूस नहीं करते, लेकिन भविष्य में करेंगे।” इसके बाद ट्रंप ने बैठक समाप्त कर दी और पत्रकारों से कहा, “यह तमाशा शानदार टीवी के लिए बनेगा।”
सीनेटर ग्राहम ने बाद में ज़ेलेंस्की पर हमला बोलते हुए कहा, “उन्हें इस्तीफ़ा देकर किसी ऐसे व्यक्ति को भेजना चाहिए जिससे हम बात कर सकें।” कई अन्य रिपब्लिकन नेताओं ने भी यूक्रेनी नेता को “असम्मानजनक” बताया।
ज़ेलेंस्की का स्टैंड: “हमारी लड़ाई न्याय के लिए है”
फ़ॉक्स न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में ज़ेलेंस्की ने माना कि बैठक “गर्म” थी, लेकिन उन्होंने अपने रुख को ज़रूरी बताया: “हम अमेरिकी सहायता के आभारी हैं, लेकिन यह लड़ाई सिर्फ़ यूक्रेन की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की सुरक्षा की है।”
यूक्रेनी जनता की आशाएं और डर
इस टकराव के पीछे यूक्रेन की वह जनता है जो 18 महीने से रूसी हमलों के बीच जी रही है। कीव के एक शिक्षक ओलेक्सांद्र का कहना है, “हमें हथियार चाहिए, न कि राजनीतिक खेल। अमेरिकी सहायता बंद हुई तो हज़ारों और मारे जाएंगे।”
1. अमेरिकी सहायता पर संकट: यूक्रेन को हर महीने 2-3 अरब डॉलर की सैन्य सहायता चाहिए, लेकिन अमेरिकी कांग्रेस में रिपब्लिकन इसके विरोधी हैं।
2. 2024 के चुनाव का असर: ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने की संभावना यूक्रेन की रणनीति को सीधे प्रभावित करेगी।
3. यूरोपीय देशों की चिंता: अमेरिका के पीछे हटने से यूरोप पर रूसी दबाव बढ़ सकता है।
ज़ेलेंस्की और ट्रंप के बीच यह टकराव सिर्फ़ दो नेताओं का विवाद नहीं, बल्कि एक ऐसे युद्ध का प्रतिबिंब है जिसका अंत अभी कोसों दूर है। यूक्रेनी जनता की नज़रें अब अमेरिकी कांग्रेस पर टिकी हैं, जहां उनकी ज़िंदगी और मौत का फ़ैसला राजनीति के पैमाने पर तौला जा रहा है।
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