कोरबा (पब्लिक फोरम)। स्वर्गीय रमेश पासवान की स्मृति में कोरबा के पत्रकारिता जगत में संघर्षशीलता की मिसाल पेश करने वाले पत्रकारों को सम्मानित करने की परंपरा, जो कि दैनिक लोकसदन और प्रगतिशील लेखक संघ के संयुक्त तत्वावधान में पिछले तीन वर्षों से चली आ रही है, इस बार भी जारी रही। इस वर्ष 2024 का स्व. रमेश पासवान स्मृति पत्रकारिता सम्मान कोरबा के युवा और संघर्षशील पत्रकार युधिष्ठिर राजवाड़े को प्रदान किया गया। इससे पहले, वर्ष 2022 में यह सम्मान सुखसागर मन्नेवार को और 2023 में सत्यनारायण पाल (सत्या) को दिया गया था।
इस सम्मान समारोह का आयोजन पं. मुकुटधर पांडेय साहित्य भवन में किया गया, जहां देश के महान व्यंग्यकार हरीशंकर परसाई की 101वीं जयंती और स्व. रमेश पासवान की पुण्यतिथि को याद किया गया। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार डॉ. विकास जोशी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रगतिशील लेखक संघ के संरक्षक शिवशंकर अग्रवाल ने की। अन्य विशिष्ट अतिथियों में श्याम बिहारी बनाफर, वरिष्ठ पत्रकार किशोर शर्मा, सुरेश चंद्र रोहरा और सनंददास दीवान शामिल थे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष माल्यार्पण से किया गया। कवियत्री वीणा मिस्त्री ने मां सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की।

मुख्य समारोह में युधिष्ठिर राजवाड़े को सम्मान पत्र, 10,000 रुपये की नकद राशि, शॉल और श्रीफल से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर दैनिक लोकसदन के संपादक सुरेश रोहरा ने कहा कि स्व. रमेश पासवान को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाना अतिशयोक्ति नहीं होगी। उन्होंने कोरबा की पत्रकारिता में अपने कार्यों से एक विशिष्ट पहचान बनाई और कभी भी नाम या धन के पीछे नहीं भागे। उनकी स्मृति को संजोने के लिए प्रतिवर्ष एक कर्मठ पत्रकार को यह सम्मान दिया जाता है।
वरिष्ठ पत्रकार किशोर शर्मा ने स्व. रमेश पासवान के सादगी भरे जीवन और उनकी निर्भीक लेखनी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि रमेश पासवान ने बिना साधनों के एक अच्छे पत्रकार के रूप में अपनी पहचान बनाई और उनकी पत्रकारिता की धार देशबंधु में स्पष्ट रूप से नजर आई। वहीं, मुख्य अतिथि डॉ. विकास जोशी ने संघर्षशील लोगों को समाज का असली हीरो बताते हुए कहा कि जो लोग समाज के दबे-कुचले लोगों के लिए आवाज उठाते हैं, वे सच्चे समाजसेवी होते हैं। उन्होंने स्व. रमेश पासवान के जीवन के संघर्षों और उनकी लेखनी की सामाजिक प्रतिबद्धता की भी सराहना की।
कार्यक्रम के मार्गदर्शक सनंददास दीवान ने अपने संबोधन में कहा कि अपने वरिष्ठजनों का सम्मान करना और उनसे अच्छी बातों को सीखना ही सफलता की कुंजी है। इस सम्मान समारोह में बड़ी संख्या में साहित्य और पत्रकारिता से जुड़े लोग उपस्थित थे।
स्व. रमेश पासवान की स्मृति को ज़िंदा रखने के लिए किया गया यह आयोजन न केवल पत्रकारिता के आदर्शों को बल देता है, बल्कि नई पीढ़ी के पत्रकारों को भी प्रेरित करता है।
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