रविवार, सितम्बर 8, 2024
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विश्व आदिवासी दिवस: आदिवासी संघर्ष मोर्चा का महत्वपूर्ण निर्णय

नई दिल्ली (पब्लिक फोरम)। आदिवासी संघर्ष मोर्चा की संयोजक समिति की एक महत्वपूर्ण ऑनलाइन बैठक हुई। इस बैठक में आदिवासियों के हक और अधिकारों को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। आइए जानते हैं इस बैठक के मुख्य निर्णयों के बारे में:

1. विश्व आदिवासी दिवस का आयोजन
आदिवासी संघर्ष मोर्चा ने 9 अगस्त को सभी राज्यों में विश्व आदिवासी दिवस मनाने का फैसला किया है। इस अवसर पर विभिन्न बैठकें, कार्यक्रम और विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही, जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें आदिवासियों की मांगें रखी जाएंगी।

2. पांचवीं अनुसूची का दर्जा
आदिवासी संघर्ष मोर्चा ने निर्णय लिया है कि बहुसंख्यक आदिवासी आबादी वाले गांवों, तालुकों और जिलों को पांचवीं अनुसूची का दर्जा दिलाने के लिए एक अभियान चलाया जाएगा। संविधान के अनुच्छेद 244(1) के तहत यह प्रावधान है, लेकिन कई राज्यों जैसे केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल में आदिवासी बहुल क्षेत्रों को इस अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश जैसे अन्य राज्यों में भी कई आदिवासी बहुल गांवों और तालुकों को इस अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है। इसलिए, प्रत्येक राज्य के सदस्यों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने राज्य के उन गांवों, तालुकों और जिलों की सूची बनाएं जहां आदिवासी बहुसंख्यक हैं, ताकि इस अभियान की ठोस मांगें और लक्ष्य निर्धारित किए जा सकें। इस मांग को 9 अगस्त को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन में शामिल किया जाएगा और इस संबंध में दीर्घकालिक अभियान जारी रहेगा।

3. राष्ट्रीय सम्मेलन का पुनर्निर्धारण
दिसंबर 2023 में गुनपुर, ओडिशा में निर्धारित राष्ट्रीय सम्मेलन चुनावों के कारण आयोजित नहीं हो सका। इस पर चर्चा के बाद, सितंबर में भुवनेश्वर में राष्ट्रीय परिषद की विस्तारित बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। इस बैठक की तारीखें ओडिशा के साथियों से बात करने के बाद तय की जाएंगी।
आदिवासी संघर्ष मोर्चा के ये निर्णय आदिवासी समुदाय के हक और अधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम हैं। विश्व आदिवासी दिवस का आयोजन, पांचवीं अनुसूची का दर्जा दिलाने का अभियान और राष्ट्रीय सम्मेलन का पुनर्निर्धारण इन समुदायों की समस्याओं को उजागर करने और उनके समाधान के लिए एक ठोस मंच प्रदान करेगा। उम्मीद है कि ये प्रयास आदिवासी समाज के उत्थान में सहायक सिद्ध होंगे।

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