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शनिवार, फ़रवरी 22, 2025
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देश भर के सुप्रसिद्ध डॉक्टर एकत्रित होंगे छत्तीसगढ़ के शासकीय मेडिकल कॉलेज रायगढ़ में

राष्ट्रीय पैथोलॉजिस्ट कान्फ्रेंस में होंगे शामिल, संपूर्ण  छत्तीसगढ़ के डॉक्टर और पीजी छात्र होंगे लाभान्वित
हीमोफीलिया, सिकल सेल बीमारी के एआई (आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस) बेस्ड एडवांस ट्रीटमेंट पर होगी विस्तृत चर्चा

रायगढ़ (पब्लिक फोरम)।  मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष जोर दिया हैं। वित्त मंत्री श्री ओ.पी.चौधरी की पहल और स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर स्वर्गीय श्री लखीराम अग्रवाल स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के पैथोलॉजी विभाग द्वारा 10 जनवरी से 12 जनवरी तक इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैथोलाजिस्ट्स एंड माइक्रोबायोलॉजिस्ट्स के (कैप्कॉन 2024-25) छत्तीसगढ़ चैप्टर का तीन दिवसीय 20वाँ वार्षिक वर्कशॉप और कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है।  छतीसगढ़ की परिस्थिति को विशेष रूप से ध्यान में रखते हुए इस कॉन्फ्रेंस का विषय-अनलॉकिंग द सीक्रेट्स ऑफ डिजीज ए एडवांसेज एन पैथोलॉजी(पैथोलॉजी में रोगों की प्रकृति के रहस्यों को पता लगाना)स्वास्थ्य से संबंधित रखा गया है।

 इस कॉन्फ्रेंस में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश एवं पड़ोसी राज्य के समस्त चिकित्सक, पैथोलॉजिस्ट एवं स्वास्थ्य विभाग से संबंधित अधिकारी सहित 200 से अधिक प्रतिभागियों की उपस्थिति की संभावना है। रायगढ़ में छत्तीसगढ़  चैप्टर  इंडियन एसोसिएशन ऑफ  पैथोलाजिस्ट्स एंड माइक्रोबायोलॉजिस्ट्स का पहला कॉन्फ्रेंस होने जा रहा हैं। कॉन्फ्रेंस के आयोजक अध्यक्ष डॉ मनोज कुमार मिंज ने बताया कि सम्मेलन के दौरान देश के प्रख्यात चिकित्सक  संबंधित  विषय में एक-दूसरे से अपने अनुभव साझा करेंगे। इसका लाभ जनसामान्य के साथ शामिल सभी चिकित्सक पैथोलाजिस्ट सहित पीजी छात्र-छात्राओ को पहुंचेगा।
          कॉन्फ्रेंस  में ब्लीडिंग डिसऑड्र्स एण्ड कॉगुलेशनडिस ऑर्डर जैसे हैमोफिलिया, इम्युनियो हिस्टो-केमिस्ट्री पर कैंसर इत्यादि में निश्चित डायग्नोसिस (निदान),एआई के साथ पैथोलॉजी का सही सरल उपयोग तथा डाटा बेस डिजिटल सोल्यूसन, सिकल सेल  बीमारी का उन्नत आधार पर उपचार, गांठ  के सुई से जाँच की पैथोलॉजी निदान तकनीक में वैज्ञानिक निष्कर्ष, स्टोरमिंग सेशन एण्ड प्रेज़ेंटेशन, ऑटोप्सी केयर क्लिनिकोपैथोलॉजिकल कॉन्फ्र्रेंस एंड केस डिस्कशन, विश्व स्वास्थ्य संगठन 5वें संस्करण से मूत्राशय के ट्यूमर को बेहतर ढंग से निदान, नरम ऊतक ट्यूमर के निदान के लिए दृष्टिकोण, बॉर्डरलाइन डिम्बग्रंथि ट्यूमर दुविधाओं को दूर करना एवं अप्रोच टू नेटिव रीनल (किडनी) बायोप्सी विषयों पर चर्चा होगी।

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