मंगलवार, अप्रैल 15, 2025
होमआसपास-प्रदेशपति की क्रूरता, अश्लीलता और हिंसा का अंत : आत्मरक्षा में पत्नी...

पति की क्रूरता, अश्लीलता और हिंसा का अंत : आत्मरक्षा में पत्नी बनी हत्यारिन! कोरबा की दर्दनाक कहानी

पति की हैवानियत से तंग आकर, आत्मरक्षा में उठाया खौफनाक कदम

कोरबा (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के एक सुदूर गांव से आई एक दिल दहला देने वाली खबर ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। यह कहानी सिर्फ एक हत्या की नहीं, बल्कि एक महिला की असहनीय पीड़ा, आत्मसम्मान की लड़ाई और अंतहीन घरेलू प्रताड़ना की है।

लेमरू क्षेत्र के कुटुरवा के पलोटी नगर में 40 वर्षीय जयप्रकाश तिर्की की संदिग्ध मौत के बाद इलाके में सनसनी फैल गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर पर गंभीर चोट के कारण मौत की पुष्टि हुई, जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात हमलावर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया।

पत्नी की गवाही ने खोले राज

जब पुलिस ने पूछताछ शुरू की तो जयप्रकाश की पत्नी अमासो बाई के बयान में विरोधाभास दिखा। संदेह के आधार पर जब पुलिस ने गहन पूछताछ की, तो वह टूट गई और एक चौंकाने वाला कबूलनामा सामने आया।

अमासो ने बताया कि उसका पति न सिर्फ उस पर चरित्र शंका करता था, बल्कि इंटरनेट पर अश्लील फिल्में देखने के बाद उस पर मानसिक और शारीरिक अत्याचार करता था। वह उसे अप्राकृतिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करता था और विरोध करने पर उसे गालियां देता, मारता और यातनाएं देता था।

घटना की रात: जब सहनशक्ति का अंत हुआ

अमासो ने बताया कि घटना वाले दिन भी दोनों के बीच तीखी बहस हुई थी। वह घर छोड़कर पास के नाले की ओर चली गई थी, लेकिन जयप्रकाश उसका पीछा करने लगा। बहस के दौरान उसने अमासो का गला घोंटने की कोशिश की। डर और आत्मरक्षा में अमासो ने उसे धक्का दे दिया, जिससे वह गिर पड़ा और उसका सिर पत्थर से टकरा गया।

गुस्से और घबराहट में आकर अमासो ने उसका सिर पत्थर से बार-बार पटका, जिससे उसकी मौत हो गई। “मैं सिर्फ खुद को बचाना चाहती थी, लेकिन उस पल मैं खुद को संभाल नहीं सकी,” उसने जांच अधिकारियों को बताया।

कानूनी कार्रवाई और पुलिस की प्रतिक्रिया

अमासो के कबूलनामे और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ़्तार कर लिया है। उस पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है और वह फिलहाल हिरासत में है।

पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि इस मामले में निष्पक्ष और गहराई से जांच की जाएगी। एक अधिकारी ने कहा, “यह केवल एक हत्या नहीं थी, बल्कि यह एक लंबे समय से चली आ रही घरेलू हिंसा का त्रासद अंत था।”

समाज के लिए सबक!

यह मामला एक बड़ा सामाजिक सवाल भी खड़ा करता है – जब घर ही किसी के लिए नरक बन जाए, तो इंसान कहाँ जाए? अमासो की कहानी उन हजारों महिलाओं की आवाज़ है जो चुपचाप पीड़ा सहती हैं, डर में जीती हैं और समाज की चुप्पी का बोझ उठाती हैं।

जरूरत है कि हम सिर्फ अपराध को नहीं, उसकी जड़ तक जाएं – ताकि भविष्य में कोई और अमासो ऐसी दर्दनाक स्थिति में खुद को अकेला और असहाय न पाए।

अगर आप या आपके जानने वाले किसी भी तरह की घरेलू हिंसा से पीड़ित हैं, तो चुप न रहें। मदद मांगना आपका हक है।
राष्ट्रीय महिला हेल्पलाइन: 1091
आपातकालीन सेवा: 112

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments