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कांशीराम साहब की स्मृति तभी सार्थक जब बहुजन सर्वोच्च सत्ता पर काबिज हो —गोपाल ऋषिकर भारती

बालको नगर/कोरबा (पब्लिक फोरम)। राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा भारत के घटक संगठन मूलनिवासी मुक्ति मोर्चा द्वारा 9 अक्टूबर 2025 को बालको नगर में संविधान सुरक्षा सत्संग का आयोजन किया गया। यह आयोजन बामसेफ, डी.एस.-4 और बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष मान्यवर कांशीराम जी के परिनिर्वाण दिवस पर उनकी स्मृति में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक गोपाल ऋषिकर भारती ने की।

यह कार्यक्रम संवैधानिक भारत राष्ट्र नवनिर्माण अभियान के अंतर्गत आयोजित हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में कार्यकर्ता, महिलाएं और ग्रामीण शामिल हुए। प्रमुख पदाधिकारियों में केंद्रीय सचिव सुनील सुना, जिला संयोजक क्रांति कुमार साव, जिला अध्यक्ष संतोष खूंटे, जिला उपाध्यक्ष प्यारेदास महंत, संभागीय उपाध्यक्ष रूपा महिलांगे, बालको संगठन सचिव कुलदीप राम, अध्यक्ष गंगाराम चौहान सहित चंचल यादव, शिवकुंवर, ज्योति महिलांगे, प्रियंका और मीरा महंत उपस्थित थे।

“कांशीराम साहब का मिशन अभी अधूरा” -गोपाल ऋषिकर भारती

सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय संयोजक गोपाल ऋषिकर भारती ने कहा कि कांशीराम साहब का परिनिर्वाण दिवस हमें याद दिलाता है कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का मिशन आज भी अधूरा है। उन्होंने कहा:—
“अंबेडकर और कांशीराम साहब के जाने के बाद बहुजन आंदोलन रिवर्स गियर में चला गया है। अब भी यदि हम अगले दो वर्षों में संगठित नहीं हुए, तो देश में बहुजन समाज फिर से 1% विदेशी यूरेशियन पंडितों के अधीन गुलाम बना दिया जाएगा।”

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा भारत वर्तमान में 100 राजनीतिक दलों और 10,000 सामाजिक संगठनों को एक मंच पर लाने के प्रयास में है। लेकिन केवल संगठन बनाना ही पर्याप्त नहीं:—
“साहब कांशीराम की स्मृति तभी सार्थक होगी जब बहुजन समाज सर्वोच्च सत्ता पर काबिज होकर शासनकर्ता वर्ग बने,”
उन्होंने दृढ़ स्वर में कहा।

गोपाल ऋषिकर भारती ने आगे कहा कि संवैधानिक भारत राष्ट्र नवनिर्माण अभियान के तहत मोर्चा ने कई जनोन्मुखी मुद्दों को लेकर संघर्ष शुरू किया है:—

सभी बेरोजगारों को न्यूनतम 30,000 से 3,00,000 रूपये मासिक सरकारी रोजगार,
सभी जाति वर्गों की जनगणना और आनुपातिक आरक्षण,
100 करोड़ रुपए से अधिक की निजी संपत्तियों व उद्योगों का राष्ट्रीयकरण,
गरीबों को रोजगार मिलने तक बुनियादी सुविधाओं की निःशुल्क उपलब्धता,
छोटे राज्यों का गठन,
जैसे मुद्दों पर संगठन आंदोलनरत है।

उन्होंने घोषणा की कि आने वाले 26 नवम्बर 2025 को जंतर मंतर, नई दिल्ली में इन मांगों को लेकर 45 सूत्रीय विशाल धरना व प्रदर्शन किया जाएगा। भारती ने देशभर के सामाजिक और राजनीतिक संगठनों से इस अभियान में सक्रिय सहयोग की अपील की।

कार्यक्रम के अंत में केंद्रीय सचिव सुनील सुना ने कहा कि दिल्ली में प्रस्तावित धरना प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए सभी को तन-मन-धन से जुटना होगा। उन्होंने कहा:
“वक्त बहुत कम है और काम बहुत बड़ा। आज का दिन हमें यह संकल्प लेने का अवसर देता है कि हम मान्यवर कांशीराम जी के अधूरे कार्यों को पूरा करेंगे।”

रूपा महिलांगे ने अपने संबोधन में कहा कि महिलाओं को भी इस सामाजिक संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए और जरूरत पड़े तो अपने त्याग से भी पीछे नहीं हटना चाहिए।
कार्यक्रम में प्रियंका और ज्योति ने मान्यवर कांशीराम जी की स्मृति में प्रेरणादायक गीत प्रस्तुत किए, जिससे वातावरण भावनात्मक और ऊर्जावान बन गया।

बालको नगर में आयोजित यह संविधान सुरक्षा सत्संग केवल एक स्मृति कार्यक्रम नहीं बल्कि सामाजिक न्याय, समानता और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा का घोष था।
कार्यक्रम का समापन इस आह्वान के साथ हुआ कि:—
“मान्यवर कांशीराम साहब की स्मृति दिवस की सफलता तभी मानी जाएगी जब बहुजन समाज देश की सर्वोच्च सत्ता पर पहुंचकर शासन में भागीदारी सुनिश्चित करेगा।”

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