होमजन चौपालभारत को कैसी सरकार चाहिए? जनकल्याण और विकास की राजनीति की मांग

भारत को कैसी सरकार चाहिए? जनकल्याण और विकास की राजनीति की मांग

“राजनीति में बदलाव की आवश्यकता”

आज के युग में भारतीय राजनीति को एक नई दिशा की आवश्यकता है। हिंसा, दंगे, नरसंहार, भ्रष्टाचार, आतंकवाद और धार्मिक विभाजन की राजनीति से ऊपर उठकर, हमें समाजसेवा, जनकल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार सृजन और गरीबी उन्मूलन पर केंद्रित राजनीति की आवश्यकता है। संविधान में निहित समानता, स्वतंत्रता, बंधुत्व, नागरिक अधिकार, मानवाधिकार और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।

जनता के प्रति उत्तरदायी शासन व्यवस्था
एक सभ्य, आधुनिक और लोकतांत्रिक समाज में सरकार जनता के प्रति जवाबदेह होती है, न कि जनता को अपना गुलाम बनाने का प्रयास करती है। वर्तमान में आवश्यकता है कि:

– मंत्रियों, सांसदों, मुख्यमंत्रियों, विधायकों और नौकरशाहों के अनावश्यक खर्चों पर नियंत्रण हो
– पूंजीपतियों और कॉर्पोरेट घरानों द्वारा देश की संपत्ति और प्राकृतिक संसाधनों की लूट पर रोक लगे
– स्थानीय से राष्ट्रीय स्तर तक भ्रष्टाचार का पूर्ण उन्मूलन हो

विज्ञान और तकनीक आधारित विकास
भारत को विश्व के विकसित राष्ट्रों के साथ कदम मिलाकर चलने के लिए निम्नलिखित क्षेत्रों में प्राथमिकता देनी होगी।

शिक्षा और अनुसंधान: वैज्ञानिक शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार को सर्वोच्च प्राथमिकता देना आवश्यक है।

औद्योगीकरण: नए उद्योगों की स्थापना और मौजूदा उद्योगों का आधुनिकीकरण करना होगा।

तकनीकी उन्नति: प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तीव्र प्रगति सुनिश्चित करनी होगी।

आत्मनिर्भरता और आर्थिक स्वतंत्रता
देश को आत्मनिर्भर बनाना और विदेशी ऋण की गुलामी से मुक्ति दिलाना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। यदि वर्तमान नेतृत्व इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में असमर्थ है, तो उन्हें सत्ता छोड़कर दूसरों को अवसर देना चाहिए।

भविष्य की दिशा: अतीत की नहीं, आज की चुनौतियों का समाधान
सुनहरे अतीत की कल्पनाओं में खोकर जनता को भ्रमित करने के बजाय, आज के भारत को आधुनिक, प्रगतिशील, विकसित, औद्योगिक, समृद्ध और शक्तिशाली बनाने पर ध्यान देना चाहिए। यह देश किसी सरकार की निजी संपत्ति नहीं है।

जनता की अपेक्षाएं
भारत की जनता केवल उसी सरकार को स्वीकार करेगी जो मेहनतकश जनता को निम्नलिखित समस्याओं से मुक्ति दिलाए:

– गरीबी, भुखमरी और महंगाई
– अशिक्षा और अंधविश्वास
– धार्मिक कट्टरता और सांप्रदायिक द्वेष
– सामाजिक तनाव और अंधराष्ट्रवाद
– रूढ़िवादिता और फासीवादी प्रवृत्तियां

ऐसी सरकार की आवश्यकता है जो सभी भारतीयों को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में समान अवसर प्रदान करे और बेहतर जीवन के लिए आवश्यक भौतिक सुविधाओं को सुनिश्चित करे। यही है वास्तविक लोकतंत्र और जनकल्याणकारी राज्य का सच्चा स्वरूप।
(लेखक: पवन कुमार वर्मा; जिला सचिव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिला परिषद, कोरबा, छत्तीसगढ़।)

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